भारतीय वास्तु शास्त्र पृथ्वी,जल,वायु,अग्नि और आकाश इन पाँच तत्वों पर आधारित हैं। इनमें से किसी की भी कमी के कारण चीज़े बिगड़ने लग जाती हैं । जैसे घर के मुख्य द्वार से हम मनुष्य प्रवेश करते हैं उसी तरह घर में नकारात्मक व सकारात्मक ऊर्जा भी प्रवेश कर सकती हैं। सफलता पाने के लिए सबसे पहले यह जरूरी है कि रोज़ ज़रूरत में आने वाली चीज़े, सामान, सभी सही जगह पर हों। यदि मोबाइल पर भी बहुत ज्यादा इंटरनेट से अपने कार्य करते हो, तो उसके लिए वास्तु के अनुसार नॉर्थ ईस्ट में काम करें या दक्षिण से पश्चिम तक की दिशा क्षेत्र में काम करें, तो कामों के सुचारू रूप से होने में मदद मिलेगी। अगर घर या कार्यालय की दिशा क्षेत्र सही रहेगी, तो यहाँ मन भी लगेगा कार्यों भी पूरा हो जाएगा ।
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आज कंप्यूटर का जीवन में महत्वपूर्ण योगदान है। कंप्यूटर यदि घर में है और उससे कार्य किया जा रहा है, तो उसे दक्षिण और पश्चिम दिशा क्षेत्र में रखें। चाहे वो बच्चों के लिए लगा हो या बड़ों के लिए। यह दिशा बच्चों को कंप्यूटर द्वारा पढ़ाई में लाभ देगी। यहाँ पर किया हुआ कार्य बच्चों में ध्यान की प्रवृत्ति को बढ़ाता है। उत्तर दिशा में रखा हुआ कंप्यूटर करियर के लिहाज़ से अच्छा होता है। जो लोग अपने करियर को लेकर किसी तरह के भ्रम में रहते हैं या अपने करियर को लेकर कोई फैसला नहीं कर पाते हैं, उनके लिए यह दिशा लाभदायक होती है।
यदि लोग इस दिशा में अपना डेस्कटॉप, कंप्यूटर रखकर काम करते हैं, तो यह लोग सोच में सकारात्मक परिवर्तन लाता है। उत्तर दिशा में टीवी नहीं लगाना चाहिए यह अच्छा नहीं माना जाता है । इसके अलावा यहाँ कोई म्यूजिक सिस्टम भी नहीं रखना चाहिए । उत्तर में कंप्यूटर लगाने से उत्तर से पूर्व तक की तरंगें सुचारू रूप से कार्य करती है। इस बात का ज़रूर ध्यान देंना चाहिए कि घर में या कार्यलय में हर कोने में पूरी तरह साफ-सफाई होनी चाहिए। जो लोग कंप्यूटर पर धार्मिक या अन्य इसी तरह के कार्य करते हैं, उनके लिए दक्षिण दिशा शुभ मानी जाती है।
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