remedies for marriage
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विवाह एक ऎसा विषय है जिसे लेकर हर किसी के मन में कुछ न कुछ सवाल तो रहते ही हैं अपने जीवन साथी के बारे में जानना और प्रेम विवाह की चाह नवयुवाओं को एक अलग ही दुनिया में ले जाती है पर अगर इन सभी बातों के बारे में सटीकता से जानना चाहते हैं तो उसके जवाब के लिए ज्योतिष शास्त्र में कई तरह के सुत्र दिए गए हैं जो बताते हैं की आप विवाह कैसा रहेगा. जीने और बढ़ने के लिए एक खास उम्र में शादीशुदा
जिंदगी की जरूरत होती है इसके बिना कोई भी जीवन की निरंतरता की कल्पना नहीं कर सकता है. इसलिए हर कोई यह जानने के लिए उत्सुक रहता है कि उसकी अरेंज मैरिज होगी या लव-मैरिज होगी. यह जातक की जन्म कुंडली में जातक की ग्रह स्थिति पर निर्भर करता है. विवाह का प्रकार और सफलता जातक की जन्म कुंडली में ग्रहों की शक्ति और स्थिति पर निर्भर करती है. कुंडली के ग्रहों के द्वारा किसी व्यक्ति के जीवन में एक व्यवस्थित विवाह का कारण बनते हैं. सप्तम भाव को विवाह का भाव माना जाता है. दाम्पत्य जीवन की गुणवत्ता सप्तम भाव की ताकत और ग्रहों की स्थिति या उसके साथ संबंधों पर निर्भर करती है. विवाह की गुणवत्ता जातक के लिए सप्तम भाव के बल पर निर्भर करती है. यदि विवाह भाव का स्वामी तीसरे, छठे भाव, दसवें भाव, ग्यारहवें भाव या लग्न में हो तो अरेंज मैरिज होती है.
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इस कारण होती है अरेंज मैरिज
यदि सप्तम का स्वामी आठवें, दसवें, ग्यारहवें या बारहवें भाव में हो और लग्न का
स्वामी तीसरे, छठे, आठवें, दसवें, ग्यारहवें या बारहवें भाव में हो तो अरेंज मैरिज होती है आम तौर पर, एक अरेंज मैरिज तब होती है जब लग्न का स्वामी पंचम या 7 वें घर के स्वामी के साथ योग नहीं बनाता है या जब सप्तम भाव का स्वामी लग्न के स्वामी के साथ कोई मजबूत योग नहीं बनाता है तो अरेंज मैरिज की संभावना ज्यादा है.
जब लग्न का स्वामी नौवें भाव में हो, नौवें भाव का स्वामी दसवें भाव में हो और दसवें भाव का स्वामी हो और सातवां स्वामी ग्यारहवें भाव में हो तब भी अरेंज मैरिज होती है. यदि लग्न का स्वामी छठे भाव में उच्च अवस्था में हो और छठे भाव का स्वामी दशम भाव के स्वामी के साथ लग्न में हो तो भी जातक का अरेंज मैरिज होता है.
साथ ही अरेंज
मैरिज के लिए लग्न या विवाह भाव का स्वामी किसी भी घर में एक साथ योग नहीं बनाना चाहिए और भाग्य के घर के मजबूत घर में होने पर एक-दूसरे को नहीं देखे उच्च स्थिति के साथ, कुंडली में छठे, आठवें, दसवें एकादश भाव के स्वामी ऐसे हैं जिनकी अरेंज मैरिज में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होती है.
अंक ज्योतिष कहता है कि 1,4 और 7 के साथ जन्म लेने वालों ने आमतौर पर साधारण कारण से विवाह किया है कि ये लोग खुद को व्यक्त नहीं कर सकते हैं और यहां तक कि अगर वे किसी के लिए अपने प्यार का इजहार करते हैं तो भी वे अपने माता-पिता के माध्यम से निर्णय लेते हैं.