कब है आषाढ़ मास की अमावस्या , जानें तिथि और पूजा विधि
आषाढ़ अमावस्या बहुत पवित्र माना जाता है। धार्मिक दृष्टि की बात करें तो अमावस्या तिथि का बहुत महत्व होता हैं। इस दिन पितरों के शांति के लिए दान पुण्य किए जाते है। पितरों का तर्पण करना बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करके सूर्य देव को अर्घ्य दें ऐसा करना उत्तम होता है। इस दिन सूर्य देव की विशेष पूजा पाठ की जाती है। आप आषाढ़ अमावस्या के दिन गंगा समेत देश के अन्य पवित्र नदियों में स्नान किया जाता हैं और अपनी क्षमता के अनुसार दान पुण्य करें।
पितरों की शांति के लिए व्रत भी रखा जाता है। आषाढ़ मास कृष्ण पक्ष की अमावस्या को आषाढ़ अमावस्या माना जाता है। इस दिन जिस व्यक्ति के ऊपर काल सर्प दोष होता है, दोष को कम करने के लिए विशेष पूजा अर्चना की जाती है। पितरों को प्रसन्न करने के लिए ब्राह्मणों , और पिंडदानों को भोजन कराएं। और अपनी क्षमता के अनुसार दान दे।
आषाढ़ अमावस्या 2022 तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि की शुरुआत 28 जून दिन मंगलवार को 5:52 मिनट पर है। अमावस्या का समापन तिथि 29 जून दिन बुधवार को सुबह 8:21 मिनट पर होगा। उदया तिथि के मान्यता के अनुसार आषाढ़ अमावस्या 29 जून को है।
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आषाढ़ अमावस्या के दिन करें ये काम
* इस दिन सुबह उठकर स्नान करके सूर्य देव को अर्घ्य दे। सूर्य देव को अर्घ्य देते समय गायत्री मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से मन को शांति मिलती हैं।
* आपके ग्रह दोष है तो आप इस दिन पेड़ पौधें लगाए।ऐसा करने से पुण्य मिलता है।
* आषाढ़ अमावस्या के दिन पितरों की शांति के लिए पिंडदान , श्राद्ध , तर्पण किया जाता है। ऐसा करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है।
* आषाढ़ अमावस्या के दिन शिव मंदिर जाकर शिवलिंग की अभिषेक करने से काल सर्प दोष से मुक्ति मिलता है।
* आषाढ़ अमावस्या के दिन दान पुण्य करने से पितर प्रसन्न होते है तो आने वाला वंश का जीवन सुखी होता है।
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* आषाढ़ अमावस्या के दिन नदी या तालाब जाकर मछलियों को आटे की गोलियां बना कर डालें। ऐसा करने से जीवन में आई परेशानियां कम हो जाता है ।
* आषाढ़ अमावस्या के चिटियो को भी भोजन कराएं। चिटियों को आटा में चीनी मिलाकर गोली बना ले।फिर इस गोली को चिटियों को खिलाएं।
* आषाढ़ अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष को पानी दे।और पीपल के वृक्ष के नीचे शाम में सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
* शनि की साढ़ेसाती या ढईया के प्रभाव को कम करने के लिए आषाढ़ अमावस्या के दिन सरसों का तेल का दीपक जलाएं। ऐसा करने से परेशानियों का अंत होता है।
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