महाशिवरात्रि की हिंदू धर्म में कितनी मान्यता है इससे तो आप सभी भली भांति परिचित होंगे। इसी प्रकार से हर महीने आने वाली मासिक शिवरात्रि का भी हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। हिंदी पंचांग के हिसाब से हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। भक्त इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करते हैं और शिवरात्रि का व्रत भी रखते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव ने साकार रूप लिया था। इसी दिन शिव जी ने माता पार्वती से शादी की थी और शिव और शक्ति का अलौकिक मिलन हुआ था।
शिव जी के भक्तों के लिए ये दिन बहुत महत्वपूर्ण होता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन अगर सच्चे मन से भगवान शिव की आराधना की जाए और उन्हें प्रसन्न करने के उपाय किए जाएं तो व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इस दिन पूजा और व्रत से शिव जी का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।
मासिक शिवरात्रि पूजा का महत्व
शिवरात्रि की पूजा का महत्व अतुलनीय है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन व्रत करने से और सच्ची आस्था के साथ ईश्वर से प्रार्थना की जाए तो हमारे जीवन की सभी समस्याओं का निवारण होगा। इसके साथ ही सच्चे मन से मांगी हुई सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी। शिव जी और पार्वती मां की कृपादृष्टि सदैव आप पर बनी रहेगी। इसके अतिरिक्त जिसके विवाह में कठिनाइयां आ रही हैं उसके लिए ये व्रत और लाभकारी सिद्ध होगा। कहते हैं शिवरात्रि का व्रत करने से आपकी शादी से जुड़ी बाधाएं दूर होती हैं और आपको आपका मनचाहा साथी मिलता है।
मासिक शिवरात्रि पूजा की तिथि
हिंदी पंचांग के अनुसार 25 जून, 2021 से हिंदू वर्ष के चौथे महीने आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की शुरुआत हो चुकी है। इस हिसाब से कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 8 जुलाई, 2021 यानी गुरुवार को होगी। इसी दिन आषाढ़ मास की शिवरात्रि मनाई जाएगी। ये तिथि 8 जुलाई को प्रातः 3 बजकर 20 मिनट से शुरू होगी और 9 जुलाई को 5 बजकर 16 मिनट पर समाप्त होगी।
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मासिक शिवरात्रि पूजा का शुभ मुहूर्त
ऐसे तो शिवरात्रि की तिथि पूरे दिन ही रहेगी मगर पूजा का शुभ मुहूर्त बस कुछ देर के लिए ही होता है। इस बार ये मुहूर्त 8 जुलाई की रात 12 बजकर 6 मिनट से प्रारंभ होगा और 12 बजकर 47 मिनट पर समाप्त हो जाएगा। आपको पूजा के लिए 41 मिनट मिलेंगे। इसी समय के मध्य भगवान शिव और माता पार्वती के पूरी विधि-विधान से पूजा करें।
मासिक शिवरात्रि व्रत करने वालों के लिए
अगर आप शिवरात्रि का व्रत रखने वाले हैं तो 8 जुलाई को रात में शिव जी और पार्वती मां की पूजा का बात जागरण करें। अगले दिन पूजा करके ब्राह्मणों को दान दक्षिणा दें और उसके पश्चात अपने व्रत का पारण करें।
मासिक शिवरात्रि व्रत पूजा की विधि
सर्वप्रथम तो प्रातः उठकर स्नान कर लें और पूजा स्थल की अच्छे से साफ सफाई कर लें। इसके बाद व्रत का संकल्प लें। अब पूजा-घर में शिव जी की प्रतिमा या तस्वीर के सामने दीप जलाएं। अगर आपके घर के पास मंदिर हो या आपके घर में शिवलिंग हो तो उसका दूध, दही, शहद, गंगाजल आदि से अभिषेक करें। इसके पश्चात भांग, धतूरा, चंदन, मदार पुष्प, कमल, बेलपत्र और उनकी सभी प्रिय चीज़ें उन्हें अर्पित करें।
इसके साथ ही माता पार्वती की भी पूजा करें। उन्हें पुष्प और श्रृंगार सामान जैसे चूड़ी, बिंदी और सिंदूर अर्पित करें। दोनों को प्रसाद के रूप में फल और मिठाई चड़ाएं। इसके अतिरिक्त चावल की खीर का भोग लगाना भी शुभ माना जाता है। इन सब के बाद भगवान की आरती। व्रत करते हुए भगवान विष्णु को याद करें। इसके साथ ही महादेव को समर्पित पंचाक्षरी मंत्र का पाठ करें।
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