अक्षय तृतीया पर 108 मखानों की माला मां लक्ष्मी को करें अर्पित, मां होंगी प्रसन्न
अक्षय तृतीया को आखा तीज के नाम से भी जाना जाता है, यह एक हिंदू त्योहार है जो वैशाख माह के शुक्ल पक्ष के समय पर तृतीया तिथि के दिन आता है. 3 मई 2022 मंगलवार के दिन अक्षय तृतीया के साथ ही परशुराम जयंती का पर्व भी मनाया जाएगा. अक्षय तृतीया का पर्व हिंदुओं के लिए सबसे शुभ दिनों में से एक माना जाता है, मुहूर्त शास्त्र में भी बहुत शुभ दिन कहलाता है. अक्षय जिसका क्षय न हो पाए अत: अक्षय तृतीया का दिन पूजा एवं दान कार्य के शुभ फलों को भी अक्षय गुणा फल देने वाला ही होता है.
इस दिन ज्यादातर लोग कुछ न कुछ वस्तुओं की खरीदारी करते हैं. मान्यताओं के अनुसार इस दिन श्री लक्ष्मी जी की पूजा में मखाने का उपयोग बहुत शुभदायक माना जाता है, अक्षय तृतीया पर सोना, चांदी, वस्त्र, वाहन इत्यादि खरीदने से इनके शुभ फल प्राप्त होते हैं. इस दिन पर देवी लक्ष्मी जो अर्पित किए जाने वाली वस्तुओं में मखाने का उपयोग उत्तम माना जाता है. मखाने का उपयोग भविष्य में समृद्धि और अधिक धन की प्राप्ति में सहायक होता है.
जन्मकुंडली ज्योतिषीय क्षेत्रों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है
अक्षय तृतीया पूजा का मुहूर्त सुबह 05:39 बजे से दोपहर 12:18 बजे तक अत्यंत शुभ रहेगा. तृतीया तिथि 3 मई 2022 को सुबह 05:18 आरंभ होगी ओर तृतीया तिथि 4 मई 2022 को प्रातः 07:32 बजे समाप्त होगी. इस दिन भक्त सुबह जल्दी उठकर स्नान कर पूजा करते हैं तथा लक्ष्मी एवं भगवान विष्णु को अगरबत्ती, चंदन का लेप, फल-फूल अर्पित करते हैं.
अक्षय तृतीया के उपाय
इस दिन श्री लक्ष्मी को 108 मखाने की माला अर्पित करना शुभता का प्रतिक होता है. इस दिन श्री सूक्त का पाठ करना चाहिए. इसके अलावा श्री विष्णु भगवान का पूजन करना शुभ होता है. श्री विष्णु सहस्रनाम, विष्णु चालीसा का पाठ करते हैं. श्री लक्ष्मी जी को तथा भगवान विष्णु को विशेष भोग लगाया जाता है. इसके अलावा इस दिन दान का विशेष महत्व होता है.
कथाओं के अनुसार, अक्षय तृतीया के दिन त्रेता युग की शुरुआत हुई थी. अक्षय तृतीया के दिन लोग सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करते हैं. इसदिन गंगा नदी में स्नान करना पवित्र माना जाता है. उसके बाद देवी लक्ष्मी, श्री विषणु, भगवान गणेश का पूजन किया जाता है.
अक्षय तृतीया पर कराएं मां लक्ष्मी का 108 श्री सूक्तम पाठ एवं हवन, होगी अच्छे स्वास्थ्य और समृद्धि की प्राप्ति
अक्षय तृतीया लक्ष्मी पूजा के लाभ
देवी लक्ष्मी की दिव्य कृपा प्राप्त होती है. जिस किसी की कुंडली में शुक्र कमजोर हो, उसे मजबूत करने के लिए यह पूजा करनी चाहिए. मां लक्ष्मी की कृपा द्वारा परिवार के अन्य सदस्यों के साथ संबंध मधुर होते हैं. धन और समृद्धि की देवी होने के नाते, मां लक्ष्मी भक्तों को सदा समृद्धि और धन का आशीर्वाद देती हैं. अक्षय तृतीया पर लक्ष्मी की पूजा भी आपको ज्ञान, साहस, शक्ति, सफलता और शक्ति प्रदान कर सकती है.
देवी की पूजा विधिपूर्वक करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है. सभी प्रकार के सुख-सुविधाओं को आसानी से प्राप्त किया जा सकता है.
इस अवधि के दौरान शुक्र की शक्ति को मजबूत करने के लिए यह पूजा करनी चाहिए. विजय, दृढ़ता, साहस और आत्मविश्वास मजबूत होता है.
अधिक जानकारी के लिए, हमसे instagram पर जुड़ें ।
अधिक जानकारी के लिए आप Myjyotish के अनुभवी ज्योतिषियों से बात करें।