एक ऐसा योग जिसमें किये गए कार्य होते है सफल
जीवन में होने वाली शुभ या अशुभ घटनाएं कुंडली में बन रहे योगों पर निर्भर करती है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार कुंडली में कई योग होते हैं। जिसमें से कुछ जातक के लिए शुभ फलदायी होते हैं तो वही कुछ योग जीवन में अशुभ परिणाम भी दिखाते हैं। जब जातक की कुंडली में शुभ योग बनते हैं तो उसे खुशियां और सफलता प्राप्त होती है। वही जब जातक की कुंडली में अशुभ योग बनते हैं तो जातक को जीवन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। ऐसा ही एक योग है सिद्धि योग इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
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यह योग कुछ खास दिन, तिथि और नक्षत्र के बीच बनता है। जैसे कि सोमवार के दिन यदि नवमी अथवा दशमी तिथि पड़ती है और साथ में रोहिणी, मृगशिरा, पुष्य, श्रवण और शतभिषा नक्षत्रों में से कोई भी नक्षत्र पड़ता है तब सिद्धि योग बनता है। यह योग बहुत शुभ योग होता है। इस योग में यदि व्यक्ति प्रभु का नाम जपे तो इससे उसे उत्तम परिणाम मिलते हैं।
इस योग के नाम से ही इसका अर्थ प्रतीत होता है सिद्धि योग अर्थात सभी काम सिद्ध करने वाला योग। इस योग में किए गए सभी कार्य सफल होते हैं। इसलिए जब भी कोई शुभ और महत्वपूर्ण कार्य करना होता है तो सिद्धि योग को महत्व दिया जाता है।
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सिद्धी योग के स्वामी भगवान श्रीगणेश है। कहते है जो लोग इस योग में पैदा होते हैं उनमें ईश्वरीय शक्तियों का निवास होता है। इस योग में जन्मे लोग बहुत ज्यादा धनवान नहीं होते हैं। जो लोग इस योग में जन्मे होते हैं बेशक वह धनवान नहीं होते हैं परंतु उनके पास कभी भी निवास स्थान, वस्त्र या भोजन की कोई कमी नहीं रहती है। यह लोग काफी धनवान नहीं होते हैं जिसके कारण इनकी संतान धन कमाने के लिए काफी लालायित रहती है।
इस योग में जन्मे लोग काफी ज्ञानी होते हैं इन लोगों को वेद पुराणों के साथ-साथ ग्रंथों की और कई भाषाओं की जानकारी भी होती है। इस योग में जन्मे लोगों का वैराग्य की तरफ झुकाव ज्यादा होता है। यह देखा गया है कि जो भी लोग इस योग में जन्म लेते हैं उनमें से ज्यादातर लोग सलाहकार की भूमिका निभाते हैं। कई बार यह इनकी आजीविका का साधन भी बन जाता है और यह लोगों को आजीवन सलाह देते रहते हैं।
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इस योग में भूमिपूजन, दुकान खरीदना, नए घर का पूजन, रोका, सगाई जैसे शुभ कार्य करने का महत्व माना जाता है। कुछ कार्य ऐसे भी हैं जिन्हें सिद्धि योग में करने से मना किया जाता है। इस योग में विवाह करना बिल्कुल शुभ नहीं माना जाता है। साथ ही गृहप्रवेश और यात्रा करने से इस योग में बचना चाहिए।
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