इस वर्ष का दूसरा ग्रहण पर साल का पहला आंशिक सूर्य ग्रहण भारत मे स्पष्ट रूप से नही देखा जाएगा ।इसी कारण सूतक भी मान्य नही होगा, देवपूजन और किसी भी प्रकार की पूजा अर्चना इस सयम काल मे नही होगी निषेद। वट सावित्री और शनि जयंती दोनों ही पर्व मनाये जायेगे। पर ये एक खगोलीय घटना है जिस का प्रभाव ग्रह नक्षत्रों पर स्पष्ट पड़ेगा। देश दुनिया से लेकर प्रत्येक व्यक्ति पर इस का प्रभाव पड़ेगा।
जानते हैं राशियों पर इस का क्या प्रभाव पड़ेगा। ये ग्रहण शुक्र प्रधान राशि वृषभ और मंगल देव के नक्षत्र मृगशिरा पर पड़ रहा है। आगे आने वाले चार से पांच महीनों तक ग्रहण का ये प्रभाव सभी राशियों को प्रभावित करेगा। ग्रहण के नकारात्म प्रभाव से बचने के लिए दान श्रेष्ट उपाय हैं ।
सूर्य ग्रहण का प्रत्येक राशि पर प्रभाव और उपाय:
मेष- आर्थिक पक्ष को प्रभावित करेगा। संपति को लेकर समस्याए बढ़ सकती, गुड़ का दान निकलना श्रेष्ट रहेगा।
वृष- आप की राशि पर ही ये ग्रहण घटित हो रहा है । इस लिए स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है मीठी रोटी का दान आप के लिए श्रष्ट रहेगा।
मिथुन- अधिक संघर्ष और धन खर्च बढेगा ।आर्थिक पक्ष प्रभावित होगा। हरे वस्त्रों का दान श्रेष्ठ रहेगा।
कर्क- लाभ की स्थतियाँ कमजोर होगी। जीवन मे असफलताएं बढेगी।चावल का दान श्रेष्ट रहेगा।
सिंह- आप के मान सम्मान कार्य क्षेत्र पर इस ग्रहण का पूरा प्रभाव पड़ेगा। गेंहू का दान श्रेष्ट रहेगा।
कन्या- भाग्य को कमजोर कर जीवन मे प्रगति और कार्य क्षेत्र की रुकावटो को बढ़ायेगा । हरि मूंग का दान श्रष्ट है।
तुला- आत्मबल कमजोर होगा। अचानक हानि और दुर्घटना की संभावनाए बढ़ सकती हैं। स्वास्थ्य का ध्यान रखे। सफेद वस्त्र व घी का दान श्रेष्ठ रहेगा।
वृश्चिक- दाम्पत्य जीवन प्रभावित होगा साथ ही व्यवसायिक परेशानियां बढ़ सकती हैं । गुड़ का दान श्रेष्ट रहेगा।
धनु- आर्थिक पक्ष पर प्रभाव के साथ शत्रुओं का अवरोध बढेगा। पीली वस्तुओं व चने की दाल का दान श्रेष्ठ रहेगा।
मकर- पद प्रतिष्ठा और सम्मान पर इस का प्रभाव पड़ेगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखना आवश्यक हैं । सरसो के तेल का दान श्रेष्ट रहेगा।
कुम्भ- पारिवारिक समस्याओं को बढ़ाएगा ।स्वास्थ्य संबंधी समस्या भी आ सकती हैं । काली उर्द की दाल का दान श्रेष्ट रहेगा।
मीन- आप के पराक्रम को कमजोर करेगा जिसे स्वास्थ्य और आर्थिक पक्ष प्रभावित होगा। हल्दी या बेसन का दान श्रष्ट रहेगा।