पूजा के शुभ फल :
विष्णुसहस्रनाम , विष्णु जी के प्रमुख 1000 नामों का स्त्रोत है। भगवान विष्णु त्रिदेवों में से एक देव है जिनका कार्य इस सृष्टि में संतुलन बनाएं रखना है। उनकी अर्धांगिनी माँ लक्ष्मी है जो की विष्णु जी की पूजा करने वाले भक्तों की इच्छाओं को पूर्ण करती है। भगवान विष्णु के बारें में कहा जाता है की वह समय - समय पर धरती लोक पर अवतरित होकर मनुष्य को उचित जीवन शैली की शिक्षा प्रदान करते है। उनके 10 स्वरुप अभी तक अवतरित हो चुके है जिसमें से एक श्री कृष्ण भी है। उनका एक स्वरुप जिसका नाम कल्कि बताया जाता है , वह कलयुग में आएगा।
भगवान विष्णु का तुलसी के पौधे से बहुत ही महत्वपूर्ण रिश्ता है। कहा जाता है की यह पौधा समुद्र मंथन के समय जो अमृत धरती पर गिरा था , उससे उत्पन्न हुआ है। साथ ही यह बहुत सी औषधियों के रूप में भी उपयोगी है। कहा जाता है की भगवान विष्णु का तुलसी के पौधे को आशीर्वाद है की जो कोई भी उनकी पूजा में इसका उपयोग करेगा उसकी सभी अभिलाषाएं पूर्ण होंगी ,तथा जो बिना तुलसी के विष्णु जी का पूजन करेगा उसकी पूजा सफल नहीं होगी। यह मंत्र बहुत ही चमत्कारी कहा जाता है। इससे बड़े से बड़ा कष्ट भी दूर हो जाता है।
हमारी सेवाएं :
हमारे पंडित जी द्वारा फोन पर संकल्प करवाया जाएगा। तत पश्चात पूर्ण विधि - विधान से पूजनकर कृष्ण जी पर तुलसी के पत्ते से विष्णुसहस्रनाम किया जाएगा।
प्रसाद :
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