रूद्राभिषेक के लाभ-
झारखंड के देवघर जिले में स्थित बैद्यनाथ धाम सभी 12 ज्योर्तिपीठों से अलग है। इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसके शीर्ष पर त्रिशूल नहीं, ‘पंचशूल’ है। इस पंचशूल को सुरक्षा कवच माना गया है। महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का नया गठबंधन किया जाता है। गठबंधन वाले पुराने लाल कपड़े के दो टुकड़ों को पाने के लिए हजारों भक्त यहां एकत्रित होते हैं। शिवपुराण में भी इस ज्योतिर्लिंग की पूजा के महत्व को बताया गया है। यहां लगे पंचशूल को पंचतत्वों-क्षिति, जल, पावक, गगन तथा समीर से बने मानव शरीर का द्योतक बताया गया है। शिवरात्रि के दिन यहां पर अभिषेक करवाने से भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण होती है।
हमारी सेवाएं-
बाबा बैद्यनाथ मंदिर में पंडित जी के द्वारा मंत्रोच्चारण के साथ रूद्राभिषेक किया जाएगा।
पंडित जी के द्वारा कॉल पर आपको संकल्प करवाया जाएगा। अभिषेक में उपयोग की जाने वाली सारी सामाग्री पंडित जी की तरफ से दी जाएगी।
प्रसाद-
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अस्वीकरण : myjyotish.com न तो मंदिर प्राधिकरण और उससे जुड़े ट्रस्ट का प्रतिनिधित्व करता है और न ही प्रसाद उत्पादों का निर्माता/विक्रेता है। यह केवल एक ऐसा मंच है, जो आपको कुछ ऐसे व्यक्तियों से जोड़ता है, जो आपकी ओर से पूजा और दान जैसी सेवाएं देंगे।