रूद्राभिषेक के लाभ-
बाबा बैद्यनाथ के धाम में होगी विशेष पूजा । झारखंड के देवघर जिले में स्थित बैद्यनाथ धाम सभी 12 ज्योर्तिपीठों से अलग है। इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसके शीर्ष पर त्रिशूल नहीं, ‘पंचशूल’ है। इस पंचशूल को सुरक्षा कवच माना गया है। महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का नया गठबंधन किया जाता है। गठबंधन वाले पुराने लाल कपड़े के दो टुकड़ों को पाने के लिए हजारों भक्त यहां एकत्रित होते हैं। शिवपुराण में भी इस ज्योतिर्लिंग की पूजा के महत्व को बताया गया है। यहां लगे पंचशूल को पंचतत्वों-क्षिति, जल, पावक, गगन तथा समीर से बने मानव शरीर का द्योतक बताया गया है। शिवरात्रि के दिन यहां पर अभिषेक करवाने से भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण होती है।
हमारी सेवाएं-
मंदिर के प्रांगण में पंडित जी द्वारा मंत्रोच्चारण के साथ रूद्राभिषेक किया जाएगा।
पंडित जी के द्वारा कॉल पर आपको संकल्प करवाया जाएगा। अभिषेक में उपयोग की जाने वाली सारी सामाग्री पंडित जी की तरफ से दी जाएगी।
प्रसाद-
Chaitra Navratri 2024 : 9 अप्रैल से आरंभ होंगे चैत्र नवरात्रि, जानें नवरात्रि घटस्थापना मुहूर्त
Venus transit in Pisces : शुक्र जा रहे हैं उच्च राशि स्थान में, इन को मिलेगा अचानक से लाभ
Shitla Mata Puja: चैत्र माह की सप्तमी और अष्टमी के दिन क्यों कि जाती है शीतला माता की पूजा
Rang Panchami 2024: रंग पंचमी के दिन किया पूजा पाठ, दूर होंगे सभी दुख और दर्द
Bhalchandra Ganesh: भालचन्द्र चतुर्थी, जानें कैसे मिला गणपति को भालचंद्र नाम
Tukaram Maharaj Jayanti 2024 : संत तुकाराम भक्ति धारा के वो कवि जिन्होंने बदला भक्ति का रंग
अस्वीकरण : myjyotish.com न तो मंदिर प्राधिकरण और उससे जुड़े ट्रस्ट का प्रतिनिधित्व करता है और न ही प्रसाद उत्पादों का निर्माता/विक्रेता है। यह केवल एक ऐसा मंच है, जो आपको कुछ ऐसे व्यक्तियों से जोड़ता है, जो आपकी ओर से पूजा और दान जैसी सेवाएं देंगे।