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अष्टमी पर माता वैष्णों को चढ़ाएं भेंट, प्रसाद पूरी होगी हर मुराद
चाणक्य के अनुसार किसी भी कार्य में सफलता पाने के लिए निरंतरता और समय की कद्र करना आना चाहिए. यदि आप किसी नए काम की शुरुआत करते हैं तो भी उचित समय देखकर ही शुरुआत करें. चाणक्य का मानना है कि जब व्यक्ति का समय सही चल रहा हो तो उस दौरान जटिक कार्य कर लेने चाहिए. इससे सफलता मिलने की संभावना अधिक हो जाती है.
व्यक्ति के अंदर दूसरे व्यक्ति को पहचानने की कला होनी चाहिए. वह इस बात का पता लगा सके कि कौन सा इंसान उसका दोस्त है और कौन उसका दुश्मन. चाणक्य का मानना है कि व्यक्ति उस दुश्मन से तो सावधान रहता है जो उसका खुला विरोध करता है, लेकिन दोस्त के रूप में जो दुश्मन होते हैं उन्हें पहचानना बहुत जरूरी और मुश्किल भी होता है.
चाणक्य का मानना था कि जिस व्यक्ति में ईमानदारी होती है उन्हें भले ही सफलता देर से मिले लेकिन एक समय बाद मिलती अवश्य है. हालांकि, ईमानदार व्यक्ति पर लोग प्रहार सबसे पहले करते हैं. ऐसे स्वभाव वाले लोगों के ऑफिस में खास करके बचकर रहना चाहिए.
इस नवरात्रि कराएं कामाख्या बगलामुखी कवच का पाठ व हवन।
चाणक्य का मानना था कि हर संबंध में कोई न कोई स्वार्थ छिपा होता है. फिर चाहे वो रिश्ता या संबंध मित्र से हो, सहकर्मी से हो या किसी अन्य संबंधी से. ये सभी रिश्ते स्वार्थ की बुनियाद पर टिके होते हैं. इसलिए, किसी भी व्यक्ति से मित्रता करने से पहले उसके बारे में अच्छे से जान लेना चाहिए.