वृषभ राशि:- इस राशि के अंतर्गत शुक्र नीच के होकर पंचम स्थान में प्रवेश कर रहे हैं। इस अवधि में शुक्र ग्रह आपके प्रथम अर्थात लग्न और षष्टम भाव के स्वामी होकर, आपकी राशि से पंचम भाव में गोचर करेंगे। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार इस भाव को, संतान भाव के नाम से जाना जाता है। जिससे इस भाव से रोमांस, संतान, रचनात्मकता, बौद्धिक क्षमता, शिक्षा तथा नए अवसरों को देखा जाता है। संतान, शिक्षा एंव प्रेम संबंध के मामले में यह अवधि चिंतिंत करने वाला रह सकता है, विशेष रूप से जो विवाहित जातक संतान प्राप्ति की कामना रखते हैं उन्हें हो सकता है। अपेक्षित परिणाम इस अवधि में नहीं मिल सकती है। आपका स्वास्थ्य तो ठीक रहेगा, लेकिन खर्च में वृद्धि भी हो सकती है।
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