सूर्य पृथ्वी पर उर्जा का एक विशाल प्राकृतिक स्रोत है। सारे ग्रह निरंतर इसकी परिक्रमा करते रहते हैं। इसलिए सूर्य को नवग्रहों में सबसे अव्वल माना जाता है। यानी इसे नवग्रहों के राजा की उपाधि प्राप्त है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार सूर्य को ग्रह के रूप में माना जाता है। जिसके द्वारा किसी भी व्यक्ति को बल, जीवन और उर्जा की प्राप्ति होती है। ज्योतिष विज्ञान के हिसाब, से पैसा, सेहत और नौकरी तीनों जीविकोपार्जन की वस्तुएं हैं। और इन्हें नियंत्रित करने वाले सूर्य देव हीं हैं। सूर्य राज्य सम्मान, पूर्वज, आत्मा, पिता, राजनीति एवं नेत्र का कारक होता है। इस प्रकार जातक की कुंडली में अगर सूर्य शुभ भाव में विराजमान हो तो व्यक्ति विभिन्न क्षेत्र में मान सम्मान और उच्च पद को प्राप्त कर सकता है। तो वहीं दूसरी ओर अगर जन्म कुंडली में सूर्य का अशुभ प्रभाव रहता है तो व्यक्ति को नेत्र संबंधी परेशानियां, पिता को कष्ट या पितृ दोष जैसे स्थिति पैदा हो सकती है। और सूर्य के गोचर के दौरान किस जाति पर कैसा परिणाम होने वाला है, इसकी जानकारी इस बात पर निर्भर करती है कि सूर्य अभी किस राशि में तथा किस भाव में उपस्थित है। सूर्य अभी तक चंद्रमा की प्रिय राशि कर्क में विराजमान थे। जो कि अब विश्व की आत्मा यानी सूर्य का होने जा रहा है, अपने प्रिय राशि सिंह में प्रवेश। जो कुछ राशियों के लिए बेहद फायदेमंद रहने वाला है। आइए जानते हैं सूर्य के गोचर काल एवं उसके प्रभाव से होने वाले लाभ के बारे में। आज हम बताने जा रहे हैं, विभिन्न राशियों पर इसके शुभ प्रभाव के बारे में।
Gochar kal: सूर्य देव गोचर करते हुए इस वर्ष यानी 2021 में 17 अगस्त, दिन मंगलवार को देर रात 01:05 बजे कर्क राशि से निकल कर सिंह राशि में प्रवेश कर जाएंगे। जो कि 17 सितंबर 2021, दिन शुक्रवार को देर रात 01:02 बजे तक इसी राशि में चलायमान रहेंगे। और फिर पुनः गोचर के दौरान कन्या राशि में चले जाएंगे। ऐसे में आइए अब आपको कुछ लाभार्थी राशियों के भविष्यफल के बारे में बताते हैं।
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