गौ-ग्वाले- यह हमें उदारता से भरपूर होने का संकेत देते हैं। श्री कृष्ण को ग्वालो (cow and calves) से घनिष्ठ लगाव (attachment) था । कृष्ण जी का मानना है संसार में पृथ्वी और गौ से बड़ा कोई भी उदार नहीं है। गाय समस्त गुणों से परिपूर्ण हैं। गाय का मूत्र, गोबर ,दूध, दही, घी, पंचगव्य रूप से जाने जाते हैं। इनका इस्तेमाल से बहुत से बीमारियां नष्ट होती है और शरीर में पॉजिटिव ऊर्जा बनी रहती है । माना जाता है कि व्यक्ति को प्रदक्षिणा अर्थात उनके चक्कर लगाकर नमस्कार करना चाइए। शास्त्र यह भी बताते हैं ,गाय देवी देवताओं का निवास स्थान भी हैं । व्यक्ति सब पापों से मुक्त(free from sin) होकर अक्षय स्वर्ग(heaven) का भोग लेते हैं । ध्यान रखे कभी भी गायों को परेशान ना करें व उन्हें खाने का पहला हिस्सा जरूर और रोज निकाले।
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