श्री कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार करीबन - करीबन बेहद ही नजदीक आ चुका है और हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी जन्माष्टमी का त्यौहार बड़ी ही धूम - धाम से और भक्तों में जागते उत्साह के साथ मनाया जाएगा । भारत में भगवान श्री कृष्ण का जन्म दिवस कृष्ण भक्त कृष्ण जन्माष्टमी के रुप में मनाते हैं । हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान विष्णु जी के आठवें अवतार यानी कि भगवान श्री कृष्ण ने धरती पर जन्म लिया था । हर साल श्री कृष्ण जन्मोत्सव पर घरों में व मंदिरों में विशेष रुप से सजावट की जाती है । सभी प्रसिद्ध कृष्ण मंदिर व धामों में विशेष रुप से कार्यक्रम के आयोजन भी किए जाते हैं । छोटे - छोटे गली मोहल्लों में भी कृष्ण जन्मोत्सव का मनाने के लिए लोग कुछ खास कार्यक्रमों को आयोजित करते दिखाई देते हैं इन कार्यक्रमों में श्री कृष्ण जी की झांकियां का आयोजन होता है जहां पर छोटे - छोटे बच्चे कृष्ण और राधा व गोपियों का अवतार धारण कर कार्यक्रम का लुफ्त उठा रहे होते हैं । हिंदू धर्म में इस दिन को पूरे उत्साह के साथ मनाया जाता है क्योंकि इस दिन लोग उपवास करते हैं , श्री कृष्ण के भजन गाते हैं , उनकी प्रार्थना करते हैं , श्री कृष्ण के लिए प्रसाद तैयार करते हैं , व मंदिर जाकर श्री कृष्ण की भक्ति में लीन हो जाते हैं । इस खास पर्व पर कृष्ण भक्त सुबह जल्दी उठकर स्नान करते हैं और पूजा की रस्मों के लिए तैयार होने वाली सामग्रीयो को तैयार करने के लिए नए और साफ कपड़े पहनते हैं फिर अपने कन्हैया की सेवा करने का फर्ज अदा करने के लिए मेहनत में जुट जाते हैं । भगवान श्री कृष्ण जन्मोत्सव पर भक्तजन दूध , दही , शहद , चीनी , घी और मखाने जैसी चीजों से भरपूर पंचामृत और पंजीरी का भोग तैयार कर श्रीकृष्ण को चढ़ाते हैं । क्योंकि इस दिन की पूजा को पवित्र माना जाता है जिसके लिए कई तरीकों की एक लिस्ट तैयार होती है वह उसी के अनुसार भक्तजन काम करते हैं ।
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