हिंदू धर्म में श्रावण मास का बहुत ही अधिक महत्व होता है। श्रावण मास हिंदी वर्ष का पांचवा महीना होता है और इसके साथ ही वर्षा ऋतु की भी शुरुआत होती है। इस वर्ष 25 जुलाई से श्रावण मास आरंभ हो चुका है और इसका समापन 22 अगस्त को रक्षा बंधन वाले दिन होगा। श्रावण का महीना पूरी तरह से शिव भगवान को समर्पित होता है। भक्त इस दौरान अपने आपको शिव भगवान और पार्वती मां की पूजा और भक्ति में लीन कर देते हैं।
श्रावण शिव जी को बहुत प्रिय होता है इसलिए इस समय इनकी पूजा करने का विशेष विधान होता है। श्रावण मास के दौरान आप कई तरीकों से महादेव को प्रसन्न कर सकते हैं। आप सच्चे मन से रोज़ महादेव की पूजा करें, उन्हें जल चढ़ाएं, पुष्प अर्पित करें और “ॐ नमः शिवाय” का जाप करें। इसके अतिरिक्त आप रुद्राभिषेक और महामृत्युंजय जाप भी कर सकते हैं। दान-धर्म के कार्य करने से भी भोलेनाथ को प्रसन्न किया जा सकता है। ऐसा कहा जाता है कि श्रावण मास में महादेव को प्रसन्न करने से साधक को उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है। शिव जी के आशीर्वाद से साधक के मन की हर इच्छा पूर्ण होती है और साथ ही उसके जीवन से सभी संकट दूर होते हैं।
भोलेनाथ को प्रसन्न करना बहुत ही सरल होता है। वे अपने भक्तों की ओर से थोड़ा सा भी प्रयास देखते हैं तो उन्हें खुशी मिलती है। अपितु जितने शीघ्र वो खुश होते हैं उतनी ही जल्दी वो नाराज़ भी हो जाते हैं। इसलिए व्यक्ति को पूजा करते वक़्त या ऐसे भी कुछ नियमों का ध्यान रखना अनिवार्य है। अन्यथा जाने-अंजाने में की गई गलतियां आपको भारी पड़ सकती हैं। तो आइए बात करते हैं ऐसी ही कुछ चीज़ों के बारे में जिसका ध्यान रखने पर आप शिव जी का विशेष आशीर्वाद हासिल कर सकते हैं।
धन की प्राप्ति के लिए सावन शिवरात्रि पर अमरनाथ में कराएं महारुद्राभिषेक