हिंदू पंचांग में ज्योतिष शास्त्र का विशेष महत्व होता हैं। जिसके अनुरूप अपने राशि रहता हैं। उससे भी बड़ा सवाल उसमें परिवर्तन शनि ग्रह का राशि परिवर्तन सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। न्याय के देवता शनि जब भी राशि परिवर्तन करते हैं तो किसी-न-किसी राशि पर साढ़े साती या फिर ढैय्या शुरू हो जाती है। बता दें कि शनि ग्रह सभी ग्रहों में सबसे धीमी और वक्री चाल से चलते हैं। इसलिए शनि ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में जाने के लिए ढाई वर्ष तक का समय लेते हैं। शनि फिलहाल मकर राशि में विराजमान हैं, जिसके कारण धनु, मकर और कुंभ जातकों पर शनि साढ़े साती चल रही है तो वहीं मिथुन और तुला पर ढैय्या चल रही है।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार जिन लोगों की कुंडली में शनि की स्थिति मजबूत होती है, उन्हें साढ़े साती हो या फिर ढैय्या दोनों ही स्थितियों में शुभ फलों की प्राप्ति होती है। लेकिन जिन जातकों की राशि में
शनि कमजोर स्थिति में है, उन्हें शारिरिक, मानसिक, पारिवारिक और आर्थिक कष्टों का सामना करना पड़ता है। साल 2022 में शनि ग्रह 29 अप्रैल को गोचर करेंगे, जिसके कारण तीन राशियां सबसे अधिक प्रभावित होंगी।शनिदेव व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार फल देते हैं।
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