हिंदू धर्म में श्रावण मास का एक विशेष स्थान होता है। धार्मिक दृष्टि से इसे पूरे वर्ष का सर्वोत्तम महीना माना जाता है। ये पूरा महीना भगवान शिव को समर्पित होता है और भक्त पूरा महीना ईश्वर की पूजा-पाठ तथा आराधना में व्यतीत करते हैं। कहते हैं इस महीने में यदि आप भोलेनाथ को प्रसन्न करने में सफल होते हैं तक आपके जीवन से सभी कष्टों का निवारण होता है आपकी ज़िंदगी खुशहाल हो जाती है। इसके लिए व्यक्ति विभिन्न प्रकार के उपाय करते हैं। शिव जी की आराधना करने के अतिरिक्त उन्हें प्रसन्न करने के लिए साधक रुद्राभिषेक, महमृत्यूंजय जाप, आदि प्रयत्न भी करते हैं। इन सब के अलावा रुद्राक्ष से जुड़े उपायों का भी श्रावण मास में बहुत महत्व माना जाता है।
रुद्राक्ष को हिंदू धर्म में बहुत ही पवित्र और महत्वपूर्ण बताया जाता है। रुद्राक्ष महादेव को अत्यंत प्रिय होता है। आपने देखा होगा भोलेनाथ अपने हाथों और गले में सदैव रुद्राक्ष धारण करते हैं। ऐसी मान्यता है कि रुद्राक्ष का निर्माण स्वयं भगवान शिव के अश्रु से हुआ है। कहते हैं एक बार भगवान शिव बहुत गहरी तपस्या में थे और जब उन्होंने अपनी आंखें खोली तो उनकी आंखों से अश्रु का एक बूंद गिरा। इस अश्रु ने रुद्राक्ष का रूप ले लिया। इसलिए ऐसा कहा जाता है कि रुद्राक्ष भगवान शिव के आंसुओं से बना होता है।
यदि कोई भी व्यक्ति नियमित रूप से रुद्राक्ष धारण करता है तो ये उस व्यक्ति के लिए काफ़ी लाभदायक सिद्ध हो सकता है। अगर आप भी रुद्राक्ष धारण करना चाहते हैं तो इसके लिए श्रावण मास से उत्तम समय दूसरा कोई नहीं हो सकता है। क्या आपको पता है कि रुद्राक्ष की माला धारण करने से व्यक्ति के कुंडली में मौजूद दोष भी दूर होते हैं? जी हां! श्रावण मास में रुद्राक्ष की सहायता से आप अपनी कुंडली में मौजूद 7 दोषों का निवारण कर सकते हैं। इसके लिए ज़रूरी है कि आप अपने दोष के अनुसार उपयुक्त रुद्राक्ष धारण करें। तो आइए जानते हैं कौन से दोष के निवारण के लिए कौन से रुद्राक्ष की माला धारण करना शुभ रहेगा।
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