Rahu Ketu Nakshatra Transit Effects - राहु केतु को ज्योतिष शास्त्र में पाप ग्रहों में स्थान दिया गया है. इन दोनों ग्रहों को छाया ग्रह के रुप में भी दर्शाया जाता है. मानसिक रुप से यह बहुत ज्यादा बौद्धिकता को भ्रम में डालने वाला माने जा सकते हैं. यह धुएं का स्वरुप हैं इस कारण स्पष्टता की कमी का होना जीवन में कई भ्रम की स्थिति को उत्पन्न करने वाला होता है. जीवन में तकीनक एवं मशीन का संबंध भी इन ग्रहों से जोड़ा गया है. आज के समय में राहु का प्रभाव अधिक है क्योंकि इंटरनेट का संसार इसी के अंतर्गत आता है. राहु केतु दोनों ही अलग अलग बिन्दु हैं लेकिन सदैव साथ साथ ही राशि एवं नक्षत्र बदलाव में होते हैं. शास्त्रों में राहु को दैत्य बताया गया है जिसने अमृत को चखा और विष्णु के चक्र द्वारा दो भागों में विभाजित हुआ और उसका एक भाग सिर राहु कहलाया एवं दूसरा भाग धड़ केतु कहलाया. अत: राहु जिस प्रकार सूर्य को चंद्रमा के प्रकाश को कुछ समय के लिए अवरोध कर सकते हैं उसी प्रकार मनुष्य एवं प्रकृति पर उनका प्रभाव भी स्पष्ट रुप से देखने को मिलता है.
4 अगस्त 2021 को राहु केतु का नक्षत्र गोचर होगा. राहु केतु का इस समय पर रोहिणी और अनुराधा नक्षत्र में ही गोचर हो रहा है लेकिन अब इनके चरण में बदलाव होगा. राहु का रोहिणी नक्षत्र के पहले चरण में प्रवेश होगा और केतु का अनुराधा नक्षत्र के तीसरे चरण में प्रवेश होगा. आईये जानते हैं कैसा रहेगा इनका सभी राशियों पर प्रभाव ।
जानिए ऐसी कौन सी 3 राशि हैं जिनको अगस्त में होने वाला हैं लाभ, क्या आप की राशि भी उन राशियों में से एक है