जानिए कि राशि पर चल रही शनि की साढ़े साती और कब मिलेगी मुक्ति:
शनि को कर्म फलदाता माना जाता है। शनिदेव जातक को उसके कर्म के हिसाब से फल देते हैं। शनि किसी भी व्यक्ति की
जन्म कुंडली के 12वें, पहले, दूसरे और जन्म के चंद्र के ऊपर से होकर गुजरे तो शनि की साढ़े साती कहलाती है। शनि की साढ़े साती के तीन चरण होते हैं। पहला चरण बेहद कष्टकारी साबित होता है। पहले चारण में जातक को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। दूसरे चरण में जातक को पारिवारिक जीवन से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। तीसरे चरण में शनि जातक को भूल सुधारने का मौका देते हैं।
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