श्लोक
रक्ता व्यक्ता गाभीरा च स्निग्धा पूर्णा च वर्तुला ।१।
कररेखांनायाः स्याच्छुभा भाग्यनुसारत ।२।
अंगुल्यश्च सुपर्वाणो दीर्घा वृताः शुभाः कृशा।
अर्थ
इस श्लोक में बताया गया है कि यदि किसी महिला के हाथ की रेखाएं यदि बिल्कुल स्पष्ट और चिकनी हों, पूर्ण हों, गहरी हो या गोल आकार में हों तो ऐसी महिलाएं भी भाग्यशाली होती हैं। इसके अतिरिक्त अगर किसी महिला की उंगली सुंदर, पतली, लंबी तथा गोल सी हों तो ऐसी महिलाओं को भी अपने जीवन में हर खुशी मिलती है। ऐसा माना जाता है कि ऐसी महिलाएं दूसरों के लिए भी बहुत भाग्यशाली साबित होती हैं।
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