लोहड़ी का इतिहास कथा
पंजाब की लोक परंपरा के अनुसार, लोहड़ी पर्व का आरंभ कुछ कथाओं से जुड़ा होता है. इसमें से एक कथा अत्यंत प्रचलित है जिसके अनुसार एक महान पंजाबी नायक, दुल्ला भट्टी ने मासूम लड़कियों को आततायियों के चंगुल से बचाया था. यह लोक कविता में निहित है जिसे लोहड़ी के त्योहार के दौरान गाया जाता है. माना जाता है कि सरदार ने अकबर से दो ब्राह्मण लड़कियों, सुंदरी और मुंदरी को बचाया था, जो उन्हें अपने हरम में रखना चाहते थे. दुल्ला भट्टी उनके लिए मुक्तिदाता बने और उन्होंने लोहड़ी पर बहुत धूमधाम और उत्सव के साथ उनकी शादी की, तथा सम्राट को चुनौती दी. सुंदरी और मुंदरी की कहानी को एक गीत में बदल दिया गया जिसे हर साल लोहड़ी समारोह के दौरान गाया जाता है.
शनि त्रयोदशी पर कोकिलावन शनि धाम में चढ़ाएं 11 किलों तेल और पाएं अष्टम शनि ,शनि की ढैय्या एवं साढ़े - साती के प्रकोप से छुटकारा : 15 जनवरी 2022