किसी भी व्यक्ति के जीवन में एक व्यवसाय की अहम भूमिका होती है। व्यावसाय के माधयम से ही वह अपने जीवन यापन को संपूर्ण करता है तथा वह अपने परिवार का भरण पोषण अच्छे और खुशहाल ढंग से करने में सक्षम होता है। एक सुखद व्यवसाय व्यक्ति को जीवन में सुख शांति और विलासता प्रदान करता है वहीँ उसका परिवार भी एक अच्छे जीवनी की ओर अग्रसर रहता है। कहा जाता है की जिस घर में आर्थिक अवस्था अच्छी रहती है। वह लक्ष्मी और सरस्वती दोनों विराजमान रहती है। जहां लक्ष्मी जी धन और धान की प्रजापति है वहीं सरस्वती जी घर मैं प्रेम शांति और परस्पर सम्बन्ध बनाने में सहायता करती हैं। किन्तु यहाँ यह आव्यशक हो जाता है की व्यवसाय उम्मीद के अनुसार फल प्रदान करें जहा व्यवसाय में उतार चढ़ाव आते हैं वही घर के अंदर तनाव का माहौल बन जाता है तथा प्रतियेक व्यक्ति अपने अनुसार घर की स्थिति सुधारने में जुट जाता है। जिससे आपसी मत भेद की स्थिति भी बन जाती है। हर व्यक्ति अपनी क्षमता, इच्छाह और वित्तीय स्तिथि के अनुसार अपना व्यवसाय चुन कर उसमे अपने जीवन को झोंक देता है। जहा एक व्यक्ति की जमा पूँजी और समक्ष परिवार की आशाएं एक व्यवसाय से जुड़ी होती है। वही वह व्यक्ति अपना जीवन भी उसी एक व्यवसाय की ओर धकेल देता है। मगर यह बात भी किसी से अनिभिज्ञ नहीं है की एक समान व्यवसाय मैं जहा एक व्यक्ति पूंजियों , सम्पतियों का स्वामी बन जाता है वहीँ दूसरी तरफ वही व्यवसाय में निरंतर प्रयास के बाद भी दूसरा व्यक्ति अपनी घर की मासिक अव्यशकताओं को भी पूरा करने मैं विफल हो जाता है। यहाँ पर जहा आपकी मेहनत लगन और व्यवसाय ज्ञान एक बिज़नेस को आगे ले जाने मैं जरूरी है वही आपके ग्रह और वास्तु भी बेहद जरुरी हैं। यह ध्यान रखने के लिए की कहीं हम किसी वास्तु के अनुसार गलती तो नहीं कर रहे। तो यदि आप अपने व्यवसाय को उच्च शिखर पर ले जाकर अपने परिवार को वही सुख समृद्धि देना चाहते हैं ,
तो आईये जानते हैं की किस किस ग्रह की वजह से आपको कोनसे व्यवसाय मैं क्या उपाए करने चाहिए।
यहाँ करें क्लिक और जानें, कौन सी राशि के साथी देते हैं सम्बन्धों से अधिक धन को महत्व