पूर्व मैं प्रबल हैं सूर्य देव-
पूर्वी दिशा मैं सूर्य देव का राज हैं। सूर्य देव सभी ग्रहों मैं श्रेष्ठ माने गए हैं। सभी अन्य ग्रह सूर्य ग्रह के समक्ष चक्कर लगा कर अपनी यात्रा को पूर्ण करते हैं। सूर्य को स्वस्थ्य, तीव्रता , तेजस्वी चित अथवा ऐश्वर्या का स्वामी भी कहा जाता हैं। यदि घर की पूर्व की दिशा मैं द्वेषमुक्त रहे तो उस घर के व्यक्तियों पर सूर्य सा तेज़्ज़ आता हैं , तथा मनोबुद्धि अत्यंत क्षमता से कार्य करती हैं आलस्य दूर भागता हैं , तथा घर मैं खुसहाली की रौशनी बनी रहती हैं। इसलिए महत्त्वपूर्ण हैं की इस दिशा को कभी भी रौशनी से वंचित ना रखें। यह दिशा सूर्य के लिए खाली छोर दी जाये तथा सूर्य के भवन को आपकी समृद्धि के लिए कार्य करने दिए जाये।
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