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अगस्त के महीने में इन दो एकादशियों के बारे में जरूर जानें, क्यों है इनका इतना महत्व ?

Amisha Amisha My Jyotish Expert Updated Wed, 04 Aug 2021 03:51 PM IST
पुत्रदा एकादशी
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2. पुत्रदा एकादशी:-
सावन का महीना शिवजी की पूजा करने और इच्छाओं को पूरा करने का सबसे अच्छा महीना माना जाता है। इस महीने की पुत्रदा एकादशी आपको संतान की प्राप्ति का वरदान देती है। सावन के महीने में भगवान शिव की आराधना की जाती है। भगवान शिव संतान वर और सुख जैसी इच्छा को पूरा करने के लिए पूजे जाते हैं। ऐसी मान्यताएं हैं कि पुत्रदा एकादशी का व्रत रखने वाले व्यक्तियों को संतान की प्राप्ति जल्द से जल्द होती है।
 
पुत्रदा एकादशी का शुभ मुहूर्त:-
हिंदी पंचांग के हिसाब से सावन के महीने की शुक्ल पक्ष की एकादशी इस महीने 18 अगस्त को बुधवार के दिन पड़ेगी। यह व्रत 18 अगस्त की सुबह 03 बजकर 20 मिनट से शुरू होगा और उसी रात 1 बजकर 05 मिनट पर खत्म हो जायेगा।
 
पुत्रदा एकादशी का व्रत क्यों रखें ?
अगस्त के महीने की दूसरी एकादशी का महत्व उन दंपतियों के लिए बहुत जरूरी होता है जो अपनी गोद में बच्चे को खिलाना चाहते हैं। जो लोग संतान प्राप्ति चाहते हैं उनके लिए ये व्रत वरदान की तरह साबित होता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा आराधना करने से
 
पुत्रदा एकादशी का व्रत कैसे रखें ?
सावन के महीने की इस एकादशी के दिन सुबह नहा धो कर आपको पूजा करने बैठना चाहिए। पूजा की चौकी पर भगवान विष्णु की तस्वीर को रखें और गंगाजल से स्नान कराएं। उसके बाद आरती के लिए दिया, धूप बत्ती और अगरबत्ती का इस्तेमाल करें। भगवान विष्णु को उनके मनपसंद पकवान का भोग लगाएं। भगवान विष्णु की मंत्रों का जाप करें और पूजा के बाद प्रसाद का वितरण ज़रूर करें।


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