दशम भावस्थ नव ग्रह फल
1. सूर्य दशम भाव में स्थित मेष , कर्क , सिंह या धनु राशि का सूर्य सैन्य या पुलिस विभाग में अधिकारी बनाता है वही वृश्चिक राशि का सूर्य चिकित्सा विभाग में अधिकारी बनाता है
2. चंद्र - इस भाव में शुभ चंद्र बली होकर बैठा हैं तो जातक को दैनिक जीवन में होने वाली वस्तुओं का व्यापार करना चाहिए लेकीन यदि मंगल या शनि की युति हैं तो आपको असफलता का सामना करना पड़ेगा
3. मंगल -मेष ,सिंह ,वृश्चिक , या धनु राशि का मंगल जातक को चिकित्सक या सर्जन बनाता है यदि मंगल का सूर्य से संबंधित है तो आपको सुनार या लोहार का काम करना पड़ेगा
4. बुद्ध - लग्नेश , दद्वितीयेश , पंचमेश , नवमेश या दशमेश होकर कन्या या सिंह राशि का बुध गुरु से दृष्ट या युत हो तो व्यक्ति शिक्षा के क्षेत्र में आपार सफ़लता प्राप्त करता है वह प्रसिद्ध अध्यापक या प्रोफेशर हो सकता है हालांकि बुध के प्रभाव से जातक बैंककर्मी या बैंक से संबंधित कार्य कर सकता है लेकीन यदि बुध शुक्र के साथ या शुक्र के राशि में हो तो जातक फिल्म या विज्ञापन जैसे क्षेत्र में कार्य करता है
5. वृहस्पति - वृहस्पति का भव नवम भाव से हैं , लेकीन यदि दशम भाव में स्थित है, तो वह नीच बताया जाता है लेकीन वृहस्पति का संबंध नवमेश से हो तो व्यक्ति धार्मिक कार्यों द्वारा धन अर्जित करता है वृहस्पति यदि बलवान बलवान या राजयोगकारक हो तो जातक को न्यायधीश बना देता है लेकीन वृहस्पति मंगल के प्रभाव में होता है तो व्यक्ति फौजदारी वकील बनता है
6. शुक्र - दशम भाव में स्थित शुक्र जातक को सौंदर्य प्रसाधन सामग्री फैंसी वस्तुओं का निर्माता या विक्रेता बनाता है शुक्र का संबंध द्वितीयेश पंचमेश या बुध से हो तो जातक गायन और वादन के क्षेत्र में सफलता प्राप्त करता है
7. शनि - यदि दशम भाव में बलवान शनि का मंगल से संबंध हो तो जातक इलेक्ट्रॉनिक फिल्म में कार्य करता है यदि बुध से संबंध हो तो मैकेनिकल इंजीनियर बनता हैं यदि शनि का संबंधचतुर भाव या चतुर्येश से हो तो जातक कोयला , लोहा आदि के व्यापार से धन अर्जित करता है यदि शनि का राहु से संबंध हो तो जातक रबर चमड़े आदि के क्षेत्र में धन अर्जित करता है
8. राहु - राहु यदि मिथुन राशि का होकर दशम भाव में स्थित हो जातक राजनीति, पुलिस , या रेलवे के क्षेत्र में सफलता प्राप्त करता है
9. केतु - दशम भाव का केतु धनु या मीन में हो तो जातक व्यापार में सफलता प्राप्त कर खूब धन वैभव यश कमाता है बशर्ते की उसके शत्रु ग्रह उसके साथ ना हो या वह शत्रु ग्रह से दृष्ट ना हो
सर्वपितृ अमावस्या को गया में अर्पित करें अपने समस्त पितरों को तर्पण, होंगे सभी पूर्वज एक साथ प्रसन्न -6 अक्टूबर 2021