26 मई को साल का पहला उपछाया चंद्र ग्रहण जो दोपहर 2 बजकर 17 मिनट से शुरू होकर शाम 7 बजकर 19 मिनट पर खत्म होगा. चंद्र ग्रहण अमेरिका, उत्तरी यूरोप, पूर्वी एशिया, ऑस्ट्रेलिया और प्रशांत महासागर के कुछ क्षेत्रों में पूर्ण रूप से दिखाई देगा जबकि भारत में ये उपछाया ही रहेगा इसी कारण इस का सूतक भी मान्य नही होगा भारत में। ये ग्रहण संक्रमण की तीव्रता में कमी ला सकता हैं पर अशुभता और प्राकृतिक आपदा का सिलसिला बना रहेगा।इस के साथ ही देश की सुरक्षात्मक गतिविधियों में संघर्ष दिख सकता हैं ।
ग्रहण मंगल देव की राशि वृश्चिक और शनि देव के नक्षत्र अनुराधा पर पड़ रहा है । जिस का गोचर काल चक्र के अष्टम भाव मे होगाकमजोर चंद्रमा के प्रभाव वालो को ज्यादा सचेत रहने की आवश्यकता है । इस बार का ग्रहण व्यक्ति के पराक्रम पर प्रभाव डालेंगा । कुछ करपाने और आगे बढ़ने की इक्छा को खत्म करेगा। भ्रम में गलत निर्णय लेने की प्रवृति बढ़ेगी। इस से बचने के लिए इस ग्रहण काल मे ॐ नमः शिवाय का जाप या रुद्राष्टकम का पाठ करना चाहिए।मेडिकल साइंस,मीडिया और संचार माध्यमो पर भी इस का प्रभाव पड़ेगा। इस से जुड़े लोगों ग्रहण काल मे गणेश जी के मंत्रो का जाप या गणेश अथरशीर्ष का पाठ करना चाहिए।
जानते हैं 12 राशियों पर इस का प्रभाव