दस दिनों तक चलने वाले गणेश उत्सव की शुरुआत शुक्रवार 10 सितंबर को गणेश चतुर्थी से होगी। इस बार गणेश चतुर्थी चित्रा नक्षत्र में आ रही है।हर बार की तरह इस बार भी लोग हर्षोल्लास से भगवान गणेश को घर लायेंगे और कुछ समय बाद उन्हें विसर्जित करेंगे लेकिन भगवान गणेश का इस बार घर आना बहुत शुभ होगा। 2021 की गणेश चतुर्थी में कई नए बदलाव होंगे, कोरोना के कारण व्यवस्था इत्यादि पर तो प्रभाव पड़ेगा ही साथ साथ अन्य योगों के कारण हर राशि पर भी प्रभाव पड़ेगा। इस दिन शुक्र चंद्रमा के साथ तुला राशि में रहेगा। सूर्य सिंह राशि में, बुध कन्या राशि में, शनि मकर राशि में और शुक्र तुला राशि में होगा। ये चारों ग्रह अपनी-अपनी राशि में रहेंगे। गुरु कुंभ राशि में रहेगा। इस राशि में दो बड़े ग्रह बृहस्पति और शनि वक्री हैं।उज्जैन के ज्योतिषी पं. मनीष शर्मा, गणेश चतुर्थी की शुरुआत चित्रा नक्षत्र से 2021 से 59 साल पहले 3 सितंबर 1962 को हुई थी। उस समय भी चंद्रमा शुक्र के साथ तुला राशि में था। सूर्य, बुध, शुक्र और शनि ये चारों ग्रह अपनी-अपनी राशि में स्थित थे। इस वर्ष भी समान ग्रह योग होने के कारण सभी राशियों के लिए समय अनुकूल रहेगा।
जानिए शुक्र के राशि परिवर्तन से किन राशियों पर होगा प्रभाव