03:00 PM, 10-Jul-2023
सावन सोमवार प्रदोष पूजा महत्व
सावन सोमवार के दिन सुबह से लेकर रात्रि जागरण करते हुए भगवान शिव का पूजन होता है. लेकिन इसमें प्रदोष काल के दौरान शिव पूजा विशेष फल प्रदान करने वाली होती है. सावन सोमवार के दिन व्रतधारी हो या फिर कोई भी भक्त प्रदोष के समय शिव पूजा के समय जीवन को सुखमय बना सकता है. इस व्रत की पूजा प्रदोष काल में की जाती है. श्रावण सोमवार के दिन प्रदोष काल में शिव पूजा अवश्य करनी चाहिए तभी पूजा का पूरा फल मिलता है. प्रदोष काल सूर्यास्त से लगभग 45 मिनट पहले शुरू होता है और 45 मिनट बाद तक मान्य रहता है. धार्मिक मान्यता है कि प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है.
02:47 PM, 10-Jul-2023
श्रावण सोमवार का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन सोमवार का व्रत करने से भाग्य बदल जाता है और शिव की कृपा सदैव बनी रहती है. सावन सोमवार का व्रत वैवाहिक जीवन में खुशहाली और जीवन में सुख-समृद्धि के लिए रखा जाता है. इस महीने में की गई पूजा से भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होते हैं और ग्रह-नक्षत्रों के स्वामी होने के कारण सभी दोष भी दूर हो जाते हैं. इसके अलावा ऐसा माना जाता है कि सावन के महीने में भगवान शिव पृथ्वी पर अपने ससुराल आए थे, जहां जलाभिषेक और अर्घ्य देकर उनका भव्य स्वागत किया गया था. इसलिए इस महीने भक्त भक्ति में लीन रहते हैं, ताकि शिव की कृपा प्राप्त की जा सके.
02:22 PM, 10-Jul-2023
सावन माह में भगवान शिव और श्री विष्णु की कृपा प्राप्त होगी
इस बार मलमास या पुरूषोत्तम मास के कारण सावन का महीना एक नहीं बल्कि दो महीने का होगा, जो शिव भक्तों के लिए शिव कृपा से कम नहीं है. इस सावन के दो महीनों से शिव भक्त बहुत खुश होते हैं क्योंकि सावन का हर दिन शिव की कृपा पाने में सहायक होता है. लेकिन इस बार सावन में अधिकमास होने से श्री हरि की कृपा का आशीर्वाद भी बरसेगा. अब ऎसे में इस साल भगवान शिव के सतह श्री हरि की कृपा भी भतपूर रहने वाली हैं भक्तों पर
01:47 PM, 10-Jul-2023
धनु राशि
धनु राशि वालों को भांग और दूब से भगवान भोलेनाथ की पूजा करनी चाहिए. गंगा जल से शिव अभिषेक करना चाहिए.
मकर राशि
मकर राशि वालों को जल में दही मिलाकर भगवान भोलेनाथ का अभिषेक करना चाहिए.
कुंभ राशि
कुंभ राशि वालों को ईख के रस से भगवान का अभिषेक करना चाहिए.
मीन राशि
मीन राशि वालों को ॐ नमः शिवाय का जाप करते हुए गंगाजल से अभिषेक करना चाहिए.
01:33 PM, 10-Jul-2023
सिंह राशि
सिंह राशि के लोगों को सावन में गाय के दूध, दही, सफेद फूल, गंगा जल आदि से भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए.
कन्या राशि
कन्या राशि वालों को केवड़ा और दही से भोलेनाथ का अभिषेक करना चाहिए तथा हरे पुष्प अर्पित करने चाहिए.
तुला राशि
तुला राशि वालों को महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते हुए दूध से भगवान का अभिषेक करना चाहिए.
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि वालों को ॐ नागेश्वराय नमः मंत्र का जाप करते हुए शहद से भगवान का अभिषेक करना चाहिए.
01:24 PM, 10-Jul-2023
सावन में राशि के अनुसार करें उपाय और पाएं भोलेनाथ की कृपा
सावन के पहले सोमवार में राशि के अनुसार शिवजी की पूजा करने से मन के सभी कार्य पूरे होते हैं. श्रावण मास का सोमवार भगवान भोलेनाथ को अत्यंत प्रिय है. ऎसे में आपकी राशि के
अनुसार शिव पूजा उपाय दिलाएगा आपको समस्त लाभ
मेष राशि
मेष राशि वालों को बेलपत्र, लाल चंदन और लाल फूल से भगवान भोलेनाथ की पूजा करनी चाहिए.
वृष राशि
वृष राशि वालों को श्रावण मास में भांग, धतूरा, कुश, मूंग और दूब से भगवान भोलेनाथ की पूजा करनी चाहिए.
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातक को भगवान शिव को फूल, बेलपत्र, शमी के पत्ते, भांग, धतूरा आदि चढ़ाने चाहिए.
कर्क राशि
कर्क राशि वालों को भगवान को गुलाब जल में थोड़ा सा गुड़ का अभिषेक करना चाहिए.
01:07 PM, 10-Jul-2023
महामृत्युंजय मंत्र और लघु मंत्र
महामृत्युंजय मंत्र
ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगंधि पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बंधनान्मृ त्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ.
लघु महामृत्युंजय मंत्र
लघु मृत्युंजय मंत्र - ॐ जूं स मम पालय पलय स: जूं ॐ.
12:58 PM, 10-Jul-2023
सावन सोमवार व्रत में 'महामृत्युंजय मंत्र' जाप का महत्व
सावन के महीने में भगवान शिव का महामृत्युंजय जाप बहुत लाभकारी माना जाता है. सावन में इस मंत्र का कई रुपों में महत्व दृष्टिगोचर होता है. सावन सोमवार के दिन इस मंत्र क अजप करने से व्यक्ति के हर विध्न और रोग समाप्त हो जाते हैं. जीवन में कोई संकट चल रहा हो, अकाल मृत्यु का भय हो, असाध्य रोग हो, धन हानि आदि हो. महामृत्युंजय मंत्र दो प्रकार के होते हैं. महामृत्युंजय मंत्र या लघु मृत्युंजय मंत्र. इन दोनों मंत्रों का जाप किया जाता है.
12:49 PM, 10-Jul-2023
सावन सोमवार के साथ ही समाप्त हो जाएगा पंचक
सावन के सोमवार पर ही पंचक भी समाप्त होगा. इस बार सावन के पहले सोमवार के साथ ही पंचक की समाप्ति होगी. इस दिन रवि नाम का सुंदर योग बन रहा है और पंचक काल भी समाप्त हो रहा है, जिसके कारण सावन के पहले सोमवार का महत्व बढ़ गया है. इसके साथ ही पुरूषोत्तम मास के स्वामी श्री हरि हैं, जिसके कारण सावन में हरि और हर दोनों की कृपा प्राप्त होने का शुभ संयोग बन रहा है.
12:28 PM, 10-Jul-2023
सावन के पहले सोमवार बन रहा है गजकेसरी योग
सावन सोमवार पर बनेगा गजकेसरी नामक अत्यंत ही शुभ योग इस योग का प्रभाव पूजा के शुभ लाभों में वृद्धि के लिए बेहद सकारात्मक फलों को देने वाला माना गया है. इसके साथ ही गुरु और चंद्रमा के एक राशि में होने से शिवपूजा का प्रभाव कई गुना लाभदायी होगा. गुरु और चंद्रमा के एक साथ होने से कुंडली में मौजूद दोष भी समाप्त होंगे तथा व्यक्ति को आर्थिक समृद्धि के साथ साथ जीवन में सफलता की प्राप्ति का सुख भी मिलेगा.
12:17 PM, 10-Jul-2023
सावन सोमवार पर रुद्राभिषेक का समय
भगवान शिव काल से परे हैं और वे महाकाल हैं. भगवान की पूजा के लिए शुभ समय हर वक्त उपलब्ध होता है. किसी भी समय महादेव की पूजा कर सकते हैं. सावन के पहले सोमवार पर रुद्राभिषेक का संयोग बन गया है. उस दिन शिव गौरी के साथ रहते हैं. शिववास के बाद ही रुद्राभिषेक किया जाता है. 10 जुलाई को रुद्राभिषेक का शुभ समय सुबह से शाम 06 बजकर 43 मिनट तक है. इसके पश्चात संपूर्ण समय भगवान का समय भगवान के मंत्र जाप एवं कथा श्रवण से पूर्ण होगा
11:35 AM, 10-Jul-2023
सावन सोमवार व्रत विधि
सावन सोमवार व्रत विधि
सावन सोमवार का व्रत ब्रह्म मुहूर्त से लेकर दिन के तीसरे प्रहर यानि शाम तक रखा जाता है.
सोमवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान-ध्यान करके हाथ में अक्षत लेकर व्रत का संकल्प करना चाहिए.
शिवालय में जाकर शिवलिंग पर गंगाजल से जलाभिषेक करना चाहिए.
शिवलिंग पर बेलपत्र, सुपारी, फूल, फल, भांग, धतूरा आदि पूजन सामग्री चढ़ानी चाहिए.
विधि-विधान से शिवजी की पूजा करनी चाहिए.
सोमवार व्रत के दौरान कथा सुनना अनिवार्य माना गया है.
कथा सुनने के बाद शिव मंत्रों का जाप करने से पूजा का फल कई गुना बढ़ जाता है.
प्रदोष काल में भी शिव जी की पूजा करने के साथ साथ मंत्रों का जाप करते हुए आरती करनी चाहिए.
सावन सोमवार पूजा विधि सावन माह के प्रत्येक सोमवार को की जाएगी.
11:11 AM, 10-Jul-2023
सावन के पहले सोमवार बन रहे हैं दुर्लभ योग 2023
सावन के पहले सोमवार बन रहे हैं दुर्लभ योग 2023
इस साल पहला सावन 10 जुलाई, सोमवार को है. सावन के पहले सोमवार को सुकर्मा योग और रेवती नक्षत्र है. इस दिन शिव गौरी के साथ निवास करते हैं. वह दिन श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि है. अष्टमी तिथि को रुद्रावतार काल भैरव की पूजा करते हैं. सावन के पहले दिन से पंचक शुरू हो जाता है. पंचक आज 10 जुलाई को सुबह 05:30 बजे से शुरू हो रहा है और शाम 06:59 बजे तक रहेगा. पंचांग के अनुसार 10 जुलाई, पहले सावन सोमवार को श्रावण अष्टमी तिथि सुबह 06:43 बजे से शाम 06:43 बजे तक है. उसके बाद नवमी तिथि शुरू हो जाएगी. दोपहर 12 बजकर 34 मिनट से सुकर्म योग है, जो पूरी रात तक रहता है. पंचक सुबह 05:30 बजे से शाम 06:59 बजे तक है. इस दिन का शुभ मुहूर्त या अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:59 बजे से दोपहर 12:54 बजे तक है.
10:03 AM, 10-Jul-2023
सावन का पहला सोमवार 2023 LIVE Updates : श्रावण सोमवार की महिमा और उससे जुड़े रहस्य
आज सावन के सोमवार का पहला दिन है ओर इसी के साथ भक्तों का मेला लगने लगा शिवमंदिरों में. चारों ओर माहौल भक्ति के रंगों में रंगा हुआ दिखाई देता है. भगवन शिव के जय कारों के साथ भक्त अपने प्रभु का अभिषेक करने के लिए अनुग्रहित दिखाई देते हैं. इस समय भक्तों के भीतर दिव्य ऊर्जाओं का प्रादुर्भाव होता है जो भक्ति एवं शक्ति के अदभुद संगम का गवाह भी बनता है. सावन का पहला सोमवार इस वर्ष कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन से आरंभ हो रहा है. सुकर्मा योग और रेवती नक्षत्र होने का योग प्राप्त होगा.