Temple Ujjain: हज़ारों वर्ष पुराना अष्ट चिरंजीवी है यह हनुमान मंदिर, दर्शन मात्र से भाग जाते हैं भूत-
- फोटो : google
धार्मिक नगरी उज्जैन के पिपलीनाका क्षेत्र मे अष्ट चिरंजीवी का एक ऐसा मंदिर है, जहां अष्ट चिरंजीवी यानी जो देवता अमर है उनकी अष्टधातु से निर्मित प्रतिमाएं स्थापित है. यह मंदिर क्षेत्र में बाबा गुमानदेव के नाम से प्रसिद्ध है. यहां देश-विदेश से लाखों की संख्या में भक्तजन प्रतिवर्ष मंदिर आते हैं.
मंदिर के पुजारी पंडित चंदन श्यामनारायण व्यास ने बताया कि मंदिर अत्यंत चमत्कारी और प्राचीन है. इस बात का उल्लेख अवंतीखंड में कुमारेश्वर हनुमान के रूप में भी मिलता है. मंदिर में अष्टचिरंजीवियों के दिव्य दर्शन होते हैं, जहां बाबा गुमानदेव के साथ महर्षि मारकंडेय, भगवान परशुराम, महर्षि कृपाचार्य, महाराजा विभीषण, महर्षि वेदव्यास, महाराजा बली व महर्षि अश्वत्थामा की अति दिव्य प्रतिमाएं मंदिर में विराजित है.
जन्मकुंडली ज्योतिषीय क्षेत्रों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है
पंडित चंदन व्यास ने बताया कि वैसे तो अष्ट चिरंजीवियो के दर्शन करने मात्र से जीवन सुखमय आरोग्यवान बनता है, लेकिन जन्मदिवस के दिन अष्ट चिरंजीवियों का दर्शन करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है.
बाधाओं को हरते है बाबा गुमानदेव
बाबा गुमानदेव जी का यह स्थान अति प्राचीन एवं सिद्ध है. बताया जाता है कि जगड़िया गुजरात से गुमानदेव जी को आमंत्रित कर उज्जैन लाया गया था जिसके बाद से श्री गुमानदेव हनुमान यही विराजमान है. पंडित चंदन श्यामनारायण व्यास ने बताया कि मंदिर में प्रति मंगलवार को विशेष आरती की जाती है. जिससे प्रेत बाधा से ग्रसित जातकों को मुक्ति मिलती है.
श्री गुमानदेव हनुमान के बारे में पंडित ने व्यास ने बताया कि गुमान अर्थात घमंड बाबा गुमानदेव हनुमान घमंड का नाश करने वाले देवता भी कहां जाता है.
मात्र रु99/- में पाएं देश के जानें - माने ज्योतिषियों से अपनी समस्त परेशानियों
पहले वृद्ध अब बाल स्वरूप में हैं गुमानदेव हनुमान
बाबा गुमानदेव की प्रतिमा अति प्राचीन एवं चमत्कारी है पूर्व में बाबा गुमानदेव के वृद्ध स्वरूप का दर्शन श्रद्धालुजनों को मंदिर में होता था लेकिन वर्ष 2004 मे बाबा गुमानदेव हनुमान जी ने प्राकृतिक रूप से अपना वृद्ध स्वरूप त्याग कर बाल स्वरूप धारण कर लिया था जिसके दर्शन आज भी श्रद्धालुओं को मंदिर में होते हैं.