myjyotish

6386786122

   whatsapp

8595527218

Whatsup
  • Login

  • Cart

  • wallet

    Wallet

विज्ञापन
विज्ञापन
Home ›   Blogs Hindi ›   Yam Chaturdashi 2023: Know why Yam Dev is worshiped on Yam Chaturdashi

Yam Chaturdashi 2023: जानें यम चतुर्दशी पर क्यों की जाती है यम देव की पूजा

Acharyaa RajRani Updated 10 Nov 2023 12:56 PM IST
Yam Chaturdashi 2023: जानें यम चतुर्दशी पर क्यों की जाती है यम देव की पूजा
Yam Chaturdashi 2023: जानें यम चतुर्दशी पर क्यों की जाती है यम देव की पूजा - फोटो : my jyotish
यम चतुर्दशी दीपावली के एक दिन पहले मनाया जाने वाला त्यौहार है. इसे कई अन्य नामों से भी जाना जाता है जैसे रुप चतुर्दशी नरक चौदस इत्यादी. इस दिन यम देवता के लिए दीपदान करने का विधान भी विशेष रुप से बताया जाता है.

आपके स्वभाव से लेकर भविष्य तक का हाल बताएगी आपकी जन्म कुंडली, देखिए यहाँ

पंचांग के अनुसार यम चतुर्दशी दीपावली के एक दिन पहले यानी कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती हैं. धर्म के अनुसार इसी दिन यम के निमित्त पूजन एवं दीपदान से सभी प्रकार के कष्ट विशेष रुप से अकाल मृत्यु का भय भी समाप्त हो जाता है. 
 
यम चतुर्दशी की कथा  
यम चतुर्दशी से जुड़ी कथा इस दिन की महत्ता को दर्शाने वाली होती है. पौराणिक कथा के अनुसार रंतिदेव नामक का एक राजा था. रंतिदेव धार्मिक कार्यों को बहुत मन से करता था. राजा ने अपने सारे जीवन में वह अच्छे आचरण से जीवन जीता रहा और उसने कोई भी पाप नहीं किया था. जब राजा की मृत्यु बेहद समीप आ गई, तो उसने अपने सामने यमदूत को खड़े देखा. उस समय के दौरान उसे इस पर विश्वास नहीं हुआ वह उन दूतों को देखकर राजा अचंभित रह गया. उन्होंने धर्मराज यमराज से कहा, मैंने तो जीवन में किसी प्रकार का पाप नहीं किया है फिर आप मुझे लेने क्यों आए हैं. 

दिवाली के पावन अवसर पर अपार धन-समृद्धि के लिए कराएं सहस्त्ररूपा सर्वव्यापी लक्ष्मी साधना : 12-नवम्बर-2023 | Lakshmi Puja Online

धर्मराज के आने का मतलब तो व्यक्ति को नर्क जाना पड़ता है. राजा रंतिदेव ने कहा क्या आप मुझे नर्क में ले जाने आए हैं. मेरे किस अपराध की वजह से आप मुझे नर्स ले जाना चाहते हैं. तब यमराज ने राजा से कहा हे, राजन् तुम्हारे द्वार से एक ब्राह्मण भूखा लौट गया था. आपके उसी बुरे कर्म का यह फल है. यह सुनकर राजा ने यमदूत से कुछ समय मांगा. धर्मराज ने तब राजा रंतिदेव को एक वर्ष का समय दिया.

यम चतुर्दशी पापों से मुक्ति का मार्ग 
राजा अपनी परेशानी लेकर ऋषियों के पास पहुंचा और उन्हें सब वृतान्त कहकर उनसे पूछा कि कृपया इस पाप से मुक्ति का क्या उपाय है. ऋषि बोले हे राजन् आप कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी का व्रत करें और ब्रह्मणों को भोजन करवा कर उनसे अनके प्रति हुए अपने अपराधों के लिए क्षमा याचना करें.

आपके स्वभाव से लेकर भविष्य तक का हाल बताएगी आपकी जन्म कुंडली, देखिए यहाँ

राजा ने वैसा ही किया जैसा ऋषियों ने उन्हें बताया. इस प्रकार राजा पाप मुक्त हुए और उन्हें विष्णु लोक में स्थान प्राप्त हुआ. इस प्रकार प्रत्येक वर्ष आने वाली यह कार्तिक यम चतुर्दशी मोक्ष को प्रदान करती है तथा नरक का भय समाप्त होता है. व्यक्ति प्रभु की शरण पाता है.
 
  • 100% Authentic
  • Payment Protection
  • Privacy Protection
  • Help & Support


फ्री टूल्स

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms and Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।

Agree
X