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विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा रिपोर्ट के मुताबिक वर्तमान में आज भी कई करोड़ लोग शौचालय जैसी बुनियादी चीज से वंचित हैं. आज भी कई लोग खुले में शौच करने के लिए बाध्य हैं. वहीं घरों में शौचालय होने के बावजूद, भी कुछ लोग नियमित रूप से खुले में शौच के लिए जाते हैं ऎसे में लोगों की इसी सोच को बदलने और स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए हर साल 19 नवंबर को 'वर्ल्ड टॉयलेट डे' यानी 'विश्व शौचालय दिवस' मनाया जाता है.
विश्व शौचालय दिवस का आरंभ
विश्व शौचालय दिवस की स्थापना 19 नवंबर 2001 को सिंगापुर के जैक सिम द्वारा की गई थी। वहीं 2013 में संयुक्त राष्ट्र संगठन द्वारा आधिकारिक तौर पर संयुक्त राष्ट्र विश्व शौचालय दिवस घोषित किया गया. विश्व शौचालय दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को इसके प्रति जागरक करना रहा है. खुले में शौच करने से रोकना और शौचालय संबंधी मानवाधिकारों को हर व्यक्ति तक पहुंचाना इस दिन का लक्ष्य रहा है. दुनिया भर में स्वच्छता, स्वास्थ्य और सुरक्षा नीतियों को मजबूत करना और हर व्यक्ति तक इसकी पहुंच को सुलभ बनाना भी इस दिन के मुख्य उद्देश्यों में आता है.
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वर्ल्ड टॉयलेट डे की थीम
इस दिवस को हर साल किसी न किसी थीम के साथ मनाए जाने की भी योजना रहती है. इसे शौचालयों का महत्व , सतत स्वच्छता और जलवायु परिवर्तन', लीविंग नो वन बिहाइंड, शौचालय और रोजगार, शौचालय और पोषण इत्यादि नामों की थीम के साथ मनाया जाता रहा हैम इस वर्ष 2023 में इसे त्वरित परिवर्तन नाम की थीम के रुप में मनाया जाएगा.