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Home ›   Blogs Hindi ›   What is Kuldeepak Yoga? Know how this yoga is formed in the horoscope

Kuldeepak Yog: कुलदीपक योग क्या होता है ? जानें कैसे बनता है कुंडली में यह योग

Myjyotish Expert Updated 04 Mar 2022 04:01 PM IST
क्या होता है कुलदीपक योग? जानें कैसे बनता है जातक की कुंडली में यह योग
क्या होता है कुलदीपक योग? जानें कैसे बनता है जातक की कुंडली में यह योग - फोटो : google
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कुलदीपक योग क्या होता है ? जानें कैसे बनता है कुंडली में यह योग



कुंड़ली और कुंड़ली में बैठे ग्रह-नक्षत्रों से व्यक्ति के अतीत, वर्तमान और भविष्य सबके बारे में पता चल जाता है। कई बार लोगों की कुंड़ली में ऐसे योग बनते हैं जिससे व्यक्ति का जीवन पूर्ण ही बदल जाता है। या फिर कह सकते हैं की कुंडली में कुछ ऐसे योग बनते है जो आपके जीवन की दिशा और दशा दोनों ही तय करते है। ऐसे ही एक योग के बारे में हम इस लेख मे आपको जानकारी देंगें। यह योग है कुलदीपक योग। 
इस योग में मंगल ग्रह की काफी अहम भूमिका होती है। जिन लोगो का मंगल मजबूत होता है उनकी कुंडली में इस योग के बनने के आसार ज्यादा रहते है। 

कुलदीपक योग जिन लोगों की कुंडली में होता है उनका जीवन स्वयं काफी सरल होता चला जाता है। पारिवारिक या सामाजिक दृष्टि किसी से भी देखे इन्हें हर जगह प्यार, मान और सम्मान मिलता है। जीवन की दिशा में बात करे तो इन्हें असफलता बहुत कम हाथ लगती है। कुलदीपक योग में जन्में लोग काफी भाग्यशाली होते है। इन्हें हर कार्य में सफलता मिलने के योग अधिक होते है। ऐसे जातक अपने जीवन में सभी क्षेत्रों में सफलता हासिल कर लेते है। जिन लोगों की कुंडली में कुलदीपक योग होता है ऐसे लोगों को पुलिस, सेना या प्रशासनिक सेवाओं में काफी उच्च स्थान मिलता है। 

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कुलदीपक योग में जन्में लोग अपने परिवार में काफी चहिते होते है। इन लोगों को परिवार से काफी प्यार मिलता है। इन्हें परिवार में सभी लोग पसंद करते है। कुंडली में कुलदीपक योग होना काफी लाभदायक होता है।
जिन लोगों की कुंडली में यह योग बनता है वह अपने परिवार का नाम रोशन करते है। ऐसे लोग अपने परिवार की सारी जिम्मेदारी अपने ऊपर ले लेते है। 

किन किन परिस्तिथियों में बनता है कुलदीपक योग
  • जब जातक की कुंड़ली में लग्न में बुद्ध ग्रह हो और केंद्र में गुरु और दसवें स्थान पर मंगल ग्रह हो तब ऐसे में कुलदीपक योग बनता है। 
  • यदि लग्न में या सातवें स्थान में मंगल गृह हो और पांचवे स्थान में सूर्य हो तथा बाहरवें स्थान में राहु काल हो, तब कुंडली में कुलदीपक योग माना जाता है।
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  • लग्न में बुद्ध ग्रह और केंद्र में गुरु ग्रह हो तथा दसवें स्थान पर मंगल गृह हो, ऐसे योग में जन्मे जातक भी कुलदीपक कहलाते हैं।
  • कुंडली में कुलदीपक योग में मंगल ग्रह की काफी अहम भूमिका होती है।ऐसे में आपको चाहिए की आप मंगल को मजबूत करें। 

अब बात करते है कैसे करें अपने मंगल ग्रह को मजबूत। 

हनुमान जी को मंगल ग्रह का स्वामी माना जाता है। ऐसे में जो लोग अपना मंगल मजबूत करना चाहते है उन्हें हनुमान जी की उपासना करनी चाहिये। मंगलवार के दिन बंदरों को चने और फल खिलाने चाहियें । मंगलवार का व्रत अवश्य रखें। 
आप चाहे तो किसी ज्योतिषी की सलाह से रत्न उपाय भी कर सकते है। यह सब उपाय करने से आपका मंगल मजबूत होगा साथ ही आपको बेहतर परिणाम मिलेंगे।

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