कार्तिक पूर्णिमा पर हरिद्वार में कराएं 365 दीपों का महादान एवं ब्राह्मण भोज, होगी दस महायज्ञों के समान पुण्य की प्राप्ति - 27 नवंबर 2023
इस साल कुछ समय की गणना बहुत विशेष होगी और विवाह के लिए उपयुक्त समय रहेगा. नवंबर माह में आने वाले कुछ दिन ही विवाह के लिए शुभ रहेंगे.इसके बाद दिसंबर माह में आने वाले कुछ दिन शादियों का सीजन बना रहेगा. 16 दिसंबर से पहले पहले विवाह के शुभ मुहूर्त रहेंगे.
जन्मकुंडली ज्योतिषीय क्षेत्रों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है
तुलसी विवाह के बाद से शुरु हो जाते हैं विवाह
शास्त्रों के अनुसार भगवान के योग निद्रा से जागते ही तुलसी विवाह होता है और फिर सभी प्रकार के शुभ और मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाते हैं. जिनमें सबसे महत्वपूर्ण है विवाह का समय. क्योंकि लंबे समय से इन कामों पर रोक होने के कारण हर कोई इस दिन का बेसब्री से इंतजार करता है.
तुलसी विवाह का विशेष समय आने के साथ ही विवाह आयोजन शुरु हो जाते हैं. दिन के बाद से ही विवाह आरंभ हो जाते हैं. इन शुभ योगों के बनने के साथ ही विवाह कार्य की परंपरा रहती है. तुलसी विवाह में देवी तुलसी का शालिग्राम के साथ विवाह संपन्न कराया जाता है. इसके बाद सामान्य रुप से विवाह का समय शुरु हो जाता है.
आपके स्वभाव से लेकर भविष्य तक का हाल बताएगी आपकी जन्म कुंडली, देखिए यहाँ
चातुर्मास के अंत के साथ शुरु होता है मांगलिक कामों का आरंभ
पंचांग के अनुसार शुभ कार्यों को करने के लिए कुछ विशेष शुभ मुहूर्त निकाले जाते हैं. जब चातुर्मास का समय आता है तो सभी प्रकार के शुभ कार्य जैसे विवाह, सगाई, गृह प्रवेश, गृहारंभ आदि बंद करने की परंपरा है. शास्त्रों के अनुसार,
चातुर्मास के चार महीनों के दौरान भगवान श्री विष्णु निद्रा में रहते हैं. देवोत्थान एकादशी के दिन उनकी नींद समाप्त हो जाती है और वे जाग जाते हैं, जिसके कारण इस दिन को मांगलिक कार्यों के लिए सबसे शुभ माना गया है और इसके साथ ही बहुत समय तक विवाह का साया मिलता है और कई अन्य तरह के काम शुरु होते हैं.