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Home ›   Blogs Hindi ›   Vishwakarma Puja: Success in business is achieved by worshiping Lord Vishwakarma and chanting mantras.

Vishwakarma Puja : भगवान विश्वकर्मा की पूजा तथा  मंत्रों का जाप करने से मिलती है कारोबार में सफलता

myjyotish Updated 16 Sep 2023 11:03 AM IST
Vishwakarma Puja
Vishwakarma Puja - फोटो : my jyotish
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इस साल विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर 2023 को रविवार के दिन विश्वकर्मा पूजा मुख्य वास्तुकार और दुनिया के पहले भव्य वास्तु और इंजीनियर भगवान विश्वकर्मा के निमित्त और उनका आशीर्वाद पाने के लिए की जाती है. ऐसा माना जाता है कि इससे भगवान विश्वकर्मा प्रसन्न होते हैं और जीवन में उन्नति और प्रगति का आशीर्वाद देते हैं

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विश्वकर्मा पूजा शुभ मुहूर्त 
इस दिन पूजा में कई शुभ योग बनेंगे जिनमें से द्विपुष्कर नाम का शुभ योग भी होगा. हस्त नक्षत्र है और उसके बाद आपको चित्रा नक्षत्र मिलेगा, दोनों ही नक्षत्र शुभ होंगे. इस दिन द्विपुष्कर नाम का योग सुबह 10:02 बजे से 11:08 बजे तक रहने वाला है. इस योग का प्रभाव पूजा-पाठ और शुभ फल को दोगुना करने वाला माना गया है. विश्वकर्मा पूजा का शुभ समय सुबह 10:15 बजे से दोपहर 12:26 बजे तक रहेगा.

कन्या संक्रांति पर भगवान ब्रह्मा के मानस पुत्र भगवान विश्वकर्मा देव की पूजा की जाती है. यह दिन पूरे देश में श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है. शास्त्रों के अनुसार, जब भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना शुरू की, तो उन्होंने विश्वकर्मा को इसकी सुंदरता बढ़ाने का आदेश दिया और फिर भगवान विश्वकर्मा ने सभी सुंदर चीजों का निर्माण करना शुरू कर दिया.

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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान विश्वकर्मा को ब्रह्मांड के निर्माता और पहले वास्तुकार के रूप में जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि प्राचीन काल में देवी-देवताओं के औजारों, हथियारों और भवनों का निर्माण भी भगवान विश्वकर्मा ने ही किया था. इस दिन भगवान विश्वकर्मा और उनके काम करने वाले औजारों, मशीनों, उपकरणों आदि की पूजा करने की परंपरा है। माना जाता है कि इससे भगवान विश्वकर्मा प्रसन्न होते हैं. 
 
विश्वकर्मा पूजन विधि और लाभ 
विश्वकर्मा पूजन के लिए सुबह स्नान कर साफ कपड़े पहनने चाहिए इसके बाद पूजा का संकल्प करना चाहिए. भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने के लिए पूजा में हल्दी, अक्षत, फूल, पान, लौंग, सुपारी, मिठाई, फल, दीपक और रक्षासूत्र शामिल करना चाहिए. इस दिन पर घर में रखी मशीनें भी पूजा में शामिल करनी चाहिए. 

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पूजा में ॐ अनन्ताय विदमहे, विश्वरूपाय धीमहि । तन्नो विश्वकर्मा प्रचोदयात ।। मंत्र को पढ़ते हुए पूजा की जाने वाली चीजों पर हल्दी और चावल लगाएं. इसके बाद पूजा में रखे कलश पर हल्दी लगाएं और रक्षासूत्र बांधें. इसके बाद पूजा शुरू करें और मंत्र पढ़ते रहें. पूजा समाप्त होने के बाद प्रसाद को सभी के मध्य वितरित  करना चाहिए. .

 
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