myjyotish

6386786122

   whatsapp

6386786122

Whatsup
  • Login

  • Cart

  • wallet

    Wallet

विज्ञापन
विज्ञापन
Home ›   Blogs Hindi ›   Vat Savitri Vrat 2023: When will Vat Savitri Vrat be observed? Know the auspicious time of worship and its met

Vat Savitri Vrat 2023: कब रखा जाएगा वट सावित्री व्रत? जानें पूजा का मुहूर्त और इसकी विधि

my jyotish expert Updated 17 May 2023 06:07 PM IST
Vat Savitri Vrat 2023: कब रखा जाएगा वट सावित्री व्रत? जानें पूजा का मुहूर्त और इसकी विधि
Vat Savitri Vrat 2023: कब रखा जाएगा वट सावित्री व्रत? जानें पूजा का मुहूर्त और इसकी विधि - फोटो : google
विज्ञापन
विज्ञापन
धार्मिक मान्यता के अनुसार वट सावित्री व्रत रखना विवाहित महिलाओं के लिए बहुत ही शुभ और लाभकारी माना जाता है. अखंड सौभाग्य पाने और अपने पति की लंबी उम्र की कामना के लिए यह व्रत रखा जाता है. 

मात्र रु99/- में पाएं देश के जानें - माने ज्योतिषियों से अपनी समस्त परेशानियों 

साथ ही इस दिन बरगद के पेड़ की पूजा भी की जाती है. माना जाता है कि बरगद के पेड़ में भगवान विष्णु और ब्रह्मा जी का वास होता है और वट सावित्री का व्रत रखने के साथ-साथ इसकी पूजा करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है.

वट सावित्री व्रत शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर रखा जाने वाला वट सावित्री व्रत इस बार 19 मई को रखा जाएगा. हालांकि, अमावस्या तिथि की शुरुआत 18 मई 2023 दिन गुरुवार की रात्रि 09 बजकर 42 मिनट के ही प्रारंभ हो जाएगी. 

इसका समापन अगले दिन, यानी 19 मई की रात्रि 09 बजकर 22 मिनट पर होगा. लेकिन, उदया तिथि के अनुसार वट सावित्री का व्रत 19 मई को ही रखा जाएगा.

जन्मकुंडली ज्योतिषीय क्षेत्रों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है

वट सावित्री व्रत पूजा विधि
इस व्रत के दिन महिलाएं सूर्योदय से पहले उठें और स्नान करें. इसके बाद नए या साफ कपड़े पहने और श्रृंगार करें.
बरगद के पेड़ को वट वृक्ष भी कहा जाता है. इस दिन बरगद के पेड़ की पूजा विधि-विधान से करें. सबसे पहले पेड़ पर जल अर्पित करें इसके बाद गुड़, चना, फूल अर्पित करें.
इसके बाद पेड़ के पास बैठ कर वट सावित्री व्रत कथा का पाठ करें. इसके बाद, हाथ में लाल रंग का कलावा या धागा लेकर, पेड़ की परिक्रमा करें.
धार्मिक मान्यता के अनुसार बरगद पेड़ की परिक्रमा करने से सुख-सौभाग्य का प्राप्ति होती है और पति की आयु भी बढ़ जाती है.
इसके बाद महिलाएं घर के बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद लें और अर्पित किया गया भोग ग्रहण करें.
 
  • 100% Authentic
  • Payment Protection
  • Privacy Protection
  • Help & Support
विज्ञापन
विज्ञापन


फ्री टूल्स

विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms and Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।

Agree
X