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वास्तु शास्त्र में पूर्व दिशा का विशेष महत्व है, क्योंकि इस दिशा का सीधा संबंध सूर्य से होता है. इस दिशा के स्वामी सूर्य देव हैं. ऐसे में पूर्व दिशा से जुड़े वास्तु नियमों का विशेष ध्यान रखना चाहिए. अन्यथा घर में दरिद्रता आ सकती है. आइए जानते हैं वास्तु शास्त्र के अनुसार पूर्व दिशा में किन गलतियों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.
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पूर्व दिशा का विशेष महत्व है
वास्तु शास्त्र के जानकारों के अनुसार पूर्व दिशा का तत्व लकड़ी है. जिसका संबंध गति और पथ से है. इसके साथ ही शरीर में पूर्व दिशा का सबसे ज्यादा प्रभाव पैरों पर पड़ता है. ऐसे में अगर पैरों में किसी भी तरह की परेशानी है तो पूर्व दिशा का वास्तु सुधारना और सही रंग पर ध्यान देना जरूरी है. वास्तु के अनुसार इस दिशा के लिए शुभ रंग पीला भी होता है तथा हरा भी है. ऐसे में पूर्व दिशा में हरे पेड़-पौधे लगाना आपके लिए बेहद शुभ रहेगा. वास्तु नियमों के अनुसार पूर्व दिशा में हरा रंग करवाने या इस रंग की वस्तुओं का प्रयोग करने से इस दिशा से संबंधित तत्वों का शुभ फल मिलता है.
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इस दिशा में न रखें
वास्तु नियमों के अनुसार घर की पूर्व दिशा में कभी भी भारी सामान नहीं रखना चाहिए. ऐसा करने से पूर्व दिशा में दबाव बढ़ता है. इसके अलावा खिड़कियां आदि इस प्रकार व्यवस्थित होनी चाहिए कि घर के अंदर शुद्ध हवा का संचार होता रहे. ऎसा होने से स्थिति काफी प्रभावी होती है. इतना ही नहीं घर की पूर्व दिशा में कभी भी कबाड़ नहीं रखना चाहिए. बल्कि इस दिशा की साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखना चाहिए. ध्यान रखें कि घर की पूर्व दिशा में कम से कम एक खिड़की अवश्य बनवानी शुभ मानी जाती है.