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जन्मकुंडली ज्योतिषीय क्षेत्रों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है
वास्तु का जीवन पर प्रभाव
कई बार बहुत परिश्रम के बाद भी चीजें बेहतर नहीं होती हैं. कोशिश के बाद भी घर में कोई लाभ नहीं होता है. इसके पीछे की बहुत सी वजह हो सकती हैं जिसमें से एक मंदिर स्थान भी है. पूजा-पाठ करने के बावजूद भी सुख-शांति का अभाव देखा जा सकता है.
ऎसे में घर के मंदिर का सही दिशा में नहीं होना भी इसका विशेष कारण हो सकता है. इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश कर सकती है. घर में मंदिर की दिशा और रंग का बहुत असर देखा जा सकता है. लोग सुबह-शाम अपने घरों में पूजा-पाठ करते हैं. घर के मंदिर में नियमित रूप से देवी-देवताओं की पूजा की जाती है. किंति कई बार इन सभी बातों के बावजूद घर में अक्सर सुख-शांति की कमी देखने को मिल सकती है. आर्थिक परेशानियां भी बनी रहती हैं. आपको बता दें कि इन कारणों के पीछे मंदिर का वास्तु दोष भी हो सकता
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पूजा घर का स्थान और उसका प्रभाव
है. अगर आपके घर में पूजा मंदिर सही जगह पर नहीं बना है तो इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा आती है और उस घर पर हमेशा संकट की स्थिति देखने को मिलती है. इसलिए घर बनवाते समय पूजा घर के इन नियमों को ध्यान में रखें. उत्तर-पूर्व दिशा या ईशान कोण को देव दिशा कहा जाता है. इस दिशा से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और इस दिशा में मंदिर रखने से व्यक्ति खूब तरक्की करता है. इसलिए वास्तु के अनुसार यह दिशा पूजा घर के लिए सर्वोत्तम मानी जाती है.
अगर चाहते हैं कि भगवान की कृपा आप पर सदैव आपको मिलती रहे तो पूजा के स्थान को कभी भी शयनकक्ष के पास, सीढ़ियों के नीचे, रसोई या बाथरूम के पास नहीं बनाना चाहिए. इसके अलावा घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा में भी पूजाघर नहीं बनाना चाहिए. इन बातों का ध्यान रखते हुए पा सकते हैं शुभ प्रभाव