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सौभाग्य पूर्ण श्रावण माह के सावन पर समस्त इच्छाओं की पूर्ति हेतु त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंगं में कराए रूद्र अभिषेक - 31 जुलाई से 31 अगस्त 2023
वास्तु के अनुसार पूर्व दिशा आपके जीवन में ऊर्जाओं को बढ़ाती है. ऐसे में अगर हम हर काम के लिए कुछ दिशा-निर्देश ध्यान में रखें तो उसका असर गहरा होता है.अगर सही दिशा को ध्यान में रखकर काम किया जाए तो नकारात्मक ऊर्जा से बचा जा सकता है. इसका असर जीवन पर पड़ता है. वास्तु शास्त्र में सोने की दिशा और नियम बताए गए हैं.
लंबी आयु और अच्छी सेहत के लिए इस सावन सोमवार उज्जैन महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में कराएं रुद्राभिषेक 04 जुलाई से 31अगस्त 2023
वास्तु के अनुसार शयन संबंधी दिशा नियम
शयन की स्थिति हर किसी को अच्छे से मिल पाए यह एक बेहद कठिन मांग बनती जा रही है आज के समय में.
कामकाज से थककर हर कोई रात को आराम करता है. बिस्तर पर लेटते ही दिन भर की थकान के साथ-साथ तनाव भी कम हो जाता है. लेकिन आमतौर पर लोग सोते समय दिशा का ध्यान नहीं रखते और किसी भी दिशा में सिर या पैर करके सो जाते हैं.वास्तु शास्त्र के अनुसार व्यक्ति को सोते समय हमेशा अपना सिर पूर्व दिशा की ओर रखना चाहिए. क्योंकि सूर्य भी पूर्व से उगता है और सूर्य देव की ओर सिर करके सोने से मानसिक और स्वास्थ्य लाभ मिलता है. इसके अलावा आप दक्षिण दिशा की ओर सिर करके भी सो सकते हैं. लेकिन किसी भी हालत में उत्तर दिशा की ओर सिर करके न सोना ही बेहतर होता है.
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दूर होती है नकारात्मकता
अगर नींद से संबंधित कोई परेशानी है तो वास्तु अनुसर नियमों का पालन करके इसे दूर किया जा सकता है. वास्तु शास्त्र में बताया गया है कि अगर सोते समय दिशा का ध्यान नहीं रखते हैं तो इससे वास्तु दोष हो सकता है. नीम्द की कमी के साथ बेचैनी तथा इसका आपके जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. वास्तु शास्त्र में घर के रख-रखाव के साथ-साथ रहने के लिए दिशा को भी महत्वपूर्ण माना गया है. इसीलिए वास्तु शास्त्र में सोने की दिशा के बारे में भी बताया गया है. दिशाओं का ध्यान रखते हुए सोना जीवन में शयन से संबंधित परेशानियों को दूर कर देने वाला होता है.