खास बातें
Vastu Tips: घर में बर्तनों का सीधा संबंध ग्रहों से होता है। कुछ बर्तन शुभ परिणाम देते हैं, वहीं बर्तन नीच ग्रहों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। तो आइए जानते हैं कि कौन से बर्तनों का प्रभाव ग्रहों से होता है?Relation of utensils with planets: घर के किचन में रखे बर्तन से आपका भविष्य तय हो सकता है, वास्तु दोष हो सकता है या दोष का निवारण भी हो सकता है। घर के बर्तनों का हमारे जीवन पर बहुत प्रभाव पड़ता है। नेगेटिव बर्तन किचन में नेगेटिव एनर्जी क्रिएट करते हैं। तो इसी क्रम में आइए जानते हैं कि कौन सा बर्तन किस ग्रह से संबंधित है, किस बर्तन में खाना पकाना शुभ होता है, किस बर्तन में पानी पीना चाहिए और खाने का सेवन करना चाहिए?
किन बर्तनों का है ग्रहों से संबंध?
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1. मिट्टी के बर्तन: मिट्टी के बर्तन शुक्र का कारक होते हैं। आग्नेय कोण और किचन की अग्नि भी शुक्र का कारक है। इसमें पानी पीना, खाना बनाना और खाना खाना तीनों फायदेमंद है।
2. पीतल के बर्तन: पीतल के बर्तन बृहस्पति ग्रह का कारक हैं और माता लक्ष्मी को पीला रंग पसंद है। इसमें खाना खाना फायदेमंद है। बृहस्पति का बल बढ़ता है। इसमें खान रखना नहीं चाहिए। पीतल के बर्तन वैसे भी शुभ माने जाते हैं। घर में इनकी अधिकता होना चाहिए। पीतल के नक्काशीदार बर्तन रखें। बर्तनों में पीतल के बर्तन घर का वास्तुदोष दूर करते हैं।
3. तांबें के बर्तन: यह मंगल और सूर्य का कारक या धातु है और पॉजिटिव एनर्जी को फैलाकर हवा एवं पानी में स्थित जीवाणुओं का नाश करता है। इसमें पानी भरकर रखना फायदेमंद है। इसमें खाना खाना और इसमें खाना रखना अच्छा नहीं होता है।
4. लोहे के बर्तन: लोहा शनि ग्रह का कारक है। इसमें खाना बनाना फायदेमंद रहता है। इसमें खाना रख भी सकते हैं। यह वास्तु के अनुसार भी सही माना जाता है। यह शरीर में आयरन की कमी को भी दूर करता है।
5. कांच के बर्तन: कांच राहु की वस्तु है, जिससे घर में राहु का प्रवेश हो जाता है। स्टेनलेस स्टील के बर्तन की तरह इनमें यदि बैक्टीरिया या वायरस चिपक जाता है, तो यह बहुत देर तक जीवित रहकर मल्टीप्लाई होता रहता है।
6. एल्युमिनियम के बर्तन: एल्युमिनियम भी राहु की धातु है यह दुर्भाग्य लाता है। एल्युमिनियम यदि शरीर में ज्यादा हो जाए तो नुकसानदायक हो सकता है। इसमें खाना जितनी देर तक रहेगा उतना इसके रसायन घुलते जाएंगे। यह दिमाग और किडनी के लिए नुकसानदायक है। बर्तन में भोजन पकाने या खाने से त्वचा रोग हो सकता है। इसमें खाना जितनी देर तक रहेगा उतना इसके रसायन घुलते जाएंगे। इसमें खाना बहुत जल्दी खराब होता है और यह जहरीला भी बन सकता है।
7. प्लास्टिक के बर्तन: प्लास्टिक के बर्तन या डिब्बे में खाना रखना या खाना बहुत नुकसानदायक माना जाता है। यह आपके किचन की ऊर्जा को भी खराब करते हैं। साथ ही इसका आपकी सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव गिरता है क्योंकि यह ऊर्जा का कुचालक है।
8. स्टेनलेस स्टील के बर्तन: यह मंगल और शनि दोनों की ही धातु है। यह बर्तन साफ सुथरे और फायदेमंद माने जाते हैं, परंतु इनमें यदि बैक्टीरिया या वायरस चिपक जाता है तो यह बहुत देर तक जीवित रहकर मल्टीप्लाई होता रहता है। इसमें खाना पकाया और रखा जा सकता है।
9. नॉन स्टिक बर्तन: नॉन स्टिक बर्तनों में खाने और पकाने का प्रचलन बढ़ने लगा है। इनके बर्तनों पर केमिकल कोटिंग होती है। कोटिंग के लिए पॉलीटेट्राफ्लूरो एथिलीन का उपयोग किया जाता है। यही कारण है कि इसे आप स्टील के बर्तनों की तरह धो नहीं सकते हैं। दूसरा यह कि इसमें भोजन पकाने या खाने से सेहत संबंधी कई नुकसान होते है। इससे कैंसर जैसे रोग भी हो सकते हैं। आयरन की कमी हो सकती है। किडनी की समस्या भी हो सकती है। इम्यून सिस्टम भी कमजोर हो सकता है।
10. अन्य धातु: कांसा, बुध और जस्ता यूरेनस का धातु है। सूर्य-सोने और तांबे पर, शुक्र व मिट्टी-चांदी, मंगल-तांबे-स्टील, गुरु-सोने पीतल और शनि व राहु- लोहे पर आधिपत्य रखते हैं। पीतल के बर्तन माता लक्ष्मी को प्रिय है।
तो इस प्रकार से इन बर्तनों का सीधा संबंध ग्रहों से होता है। यदि आप इससे संबंधित अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो हमारे ज्योतिषाचार्यों से संपर्क करें।