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Ugadi 2024 : उगादी के साथ होगा हिंदू नव वर्ष का आरंभ जानें इस दिन की परंपराएं

Acharya Rajrani Sharma Updated 09 Apr 2024 11:27 AM IST
Ugadi 
Ugadi  - फोटो : myjyotish

खास बातें

Gudi Padwa Ugadi  चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा का समय एक साथ कई तरह के पर्वों का संगम होता है. इस दिन जहां हिंदू नव वर्ष का आरंभ होता है, वहीं इसी दिन से चैत्र नवरात्रि भी आरंभ होते हैं.
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Gudi Padwa Ugadi  चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा का समय एक साथ कई तरह के पर्वों का संगम होता है. इस दिन जहां हिंदू नव वर्ष का आरंभ होता है, वहीं इसी दिन से चैत्र नवरात्रि भी आरंभ होते हैं. इसी के साथ उगादी पर्व गुड़ी पड़वा का समय भी होता है. ऎसे में यह समय बहुत ही शुभ प्रभाव देने वाला माना जाता है. 

Navratri Celebration चैत्र माह का पहला दिन, बहुत देने वाला समय होता है. देश भर में यह किसी न किसी रुप में संपन्न होता है. हर ओर इस दिन की अलग ही धूम दिखाई देती है. जहां उत्तर भारत में नवरात्रि का रंग होता है वहीं दक्षिण भारत की ओर उगादी का रंग दिखाई देता है. 

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देश भर में रहती है इसकी अलग रंगत 

उत्तर से दक्षिण तक सुनाई देती है त्यौहारों की झनक अलग होती है. सारे देश में हिंदू नव वर्ष का उत्साह दिखाई देता है. आइये जानें देश भर में मनाए जाने वाले इन त्यौहारों का उत्साह ओर नवरात्रि, उगादि, गुड़ी पड़व कहां कैसे मनाए जाते हैं. 

चैत्र माह के शुक्ल पक्ष का समय लोगों में खुशी की लहर लाने वाला समय होता है. इस समय पर हर कोने में किसी न किसी रुप में आध्यात्मिकता एवं धार्मिक उत्साह ही लहर दिखाई देती है. इन त्योहारों के द्वारा लोग अपने उत्साह और भक्ति को दर्शाते हैं. 

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यह त्यौहार वसंत की शुरुआत का भी जश्न मनाता है, जो सर्दियों के मौसम की कठोरता से राहत का प्रतीक है. इस दिन पारंपरिक भोजन के रुप में महाराष्ट्र में पूरन पोली या मीठी रोटी बनाई जाती है. समर्पण एवं नई आशाओं का संचार इस समय पर हर ओर दिखाई देता है. 

नव चेतना का आगमन एवं संपन्नता एवं सुख का आगमन  होता है.  जहां हिंदू पंचांग के अनुसार यह नव वर्ष काल गणना का समय होता है वहीं उगादि के रुप में भी यह नई शुरुआत को दर्शाता है और इसे देश के दक्षिण भारत के अनेक स्थानों पर उत्साह के साथ मनाया जाता है. तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के लोगों के लिए इस दिन का बहुत विशेष महत्व माना गया है.

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उगादी परंपराओं का नव रंग  

भारत में आज कई त्योहार एक साथ मनाए जा रहे हैं. हिंदू समुदाय के पारंपरिक पंचांग के अनुसार, उगादी के रूप में मनाया जाने वाला त्योहार नए साल की शुरुआत का प्रतीक है. उगादि दो संस्कृत शब्दों युग और आदि से मिलकर बना है. यह नई शुरुआत का समय होता है. इस दिन का तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के लोगों के लिए विशेष महत्व है. इस समय पर घर में खुशियां मनाई जाती हैं. उगादि इस बात का प्रतीक है कि जीवन की अच्छाइयों का आनंद लेना और नए साल में सभी स्वादों का जश्न मनाना.

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इस समय पर परंपराओं के अनुसार सुबह तेल से स्नान होता है. इसके बाद स्नान करके नए वस्त्रों का धारण करने का समय होता है. लोग नए साल में तरह तरह के पारंपरिक पकवानों को खाते हैं. नई चीजों का स्वाद चखने के लिए इकट्ठा होते हैं. लोग आने वाले वर्ष की नई शुरुआत और खुशियों को चिह्नित करने के लिए उगादी मनाते हैं.
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