विज्ञापन
विज्ञापन
लंबी आयु और अच्छी सेहत के लिए इस सावन सोमवार उज्जैन महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में कराएं रुद्राभिषेक 04 जुलाई से 31अगस्त 2023
तुलसीदास जयंती पारंपरिक हिंदू कैलेंडर में सावन महीने के दौरान सप्तमी तिथि को मनाई जाती है. इसलिए तुलसीदास जयंती का दिन इस महान कवि और उनके कार्यों के सम्मान में समर्पित है. इस वर्ष तुलसीदास जयंती 23 अगस्त, को मनाई जाएगी. तुलसीदास जयंती के अवसर र कई स्थानों पर रामायण पाठ करने एवं सुंदरकाण इत्यादि का पाठ किया जाता है. जगह जगह पर भव्य शोभा यात्राएं भी निकाली जाती हैं.
सावन शिवरात्रि पर 11 ब्राह्मणों द्वारा 11 विशेष वस्तुओं से कराएं महाकाल का सामूहिक महारुद्राभिषेक एवं रुद्री पाठ 2023
महान रचनाकर एवं संत तुलसीदास
तुलसीदास को हनुमान चालीसा और महाकाव्य रामचरितमानस के लेखक के रूप में भी जाना जाता है, कुछ लोग उन्हें ऋषि वाल्मिकी का अवतार भी मानते हैं. तुलसीदास ने अपना अधिकांश जीवन वाराणसी शहर में बिताया. तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस में भगवान के प्रति भक्ति पर अधिक जोर दिया गया है. उनकी यह रचन अभक्त की भगवान के प्रति श्रद्धा का विशेष नमूना भी है. वाराणसी में गंगा नदी पर प्रसिद्ध तुलसी घाट का नाम उनके नाम पर रखा गया है. माना जाता है कि भगवान हनुमान को समर्पित प्रसिद्ध संकटमोचन मंदिर की स्थापना तुलसीदास ने की थी. भक्त आज भी इस पवित्र स्थल की अनुभूति को महसूस कर पाते हैं.
सौभाग्य पूर्ण श्रावण माह के सावन पर समस्त इच्छाओं की पूर्ति हेतु त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंगं में कराए रूद्र अभिषेक - 31 जुलाई से 31 अगस्त 2023
हनुमान जी का मिला आशीर्वाद
तुलसीदास की सभी उत्कृष्ट कृतियों में रामचरितमानस सबसे प्रसिद्ध रही, यह प्रचलित मान्यता भी इसके साथ जुड़ी है कि रामचरितमानस की रचना करते समय भगवान हनुमान ने संत तुलसीदास की सहायता की थी हनुमान जी के आशीर्वाद से वह यह कार्य संपन्न कर पाते हैं. तुलसीदास जयंती का दिन इस महान संत की याद में बड़े उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जाता है. रामचरितमानस के पाठ के द्वारा आज भी तुलसी जी की भक्ति निरंतर प्रवाहित हो रही है. भक्तों के मन में आज भी उनका स्थान बेहद आदरणीय रुप से लिया जाता है.