Tulsi Pujan
- फोटो : my jyotish
कार्तिक माह में तुलसी की पूजा से भक्तों को मोक्ष का मार्ग मिलता है. तुलसी पूजा से सभी कष्ट दूर होते हैं कार्तिक माह में नियमित तुलसी पूजन एवं दीपदान से व्यक्ति को शुभ फल मिलते हैं. तुलसी को हिंदू धर्म में बहुत ही पवित्र पौधा माना जाता है और इसका पूजन कार्तिक के महीने में बहुत खास होता है. ऐसा माना जाता है कि इस समय पर इसे घर में रखने और रोजाना इसकी पूजा करने से सुख-समृद्धि बनी रहती है. जीवन में किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं आती है विवाह के सुख भी इसका पूजन करने से मिलते हैं. कार्तिक में तुलसी पूजन को एक विशेष उत्सव के रुप में मनाते हैं.
दिवाली के पावन अवसर पर अपार धन-समृद्धि के लिए कराएं सहस्त्ररूपा सर्वव्यापी लक्ष्मी साधना : 12-नवम्बर-2023 | Lakshmi Puja Online
तुलसी पूजा मंत्र एवं आरती
कार्तिक के समय तुलसी पूजा के दिन सुबह स्नान करने के बाद पूजा का संकल्प लें और तुलसी के पौधे की पूजा नियमित रुप से करें. पूजा के समय मंत्र जाप के बाद तुलसी माता की आरती करनी चाहिए. घर की सुख-समृद्धि के लिए तुलसी माता से प्रार्थना करें.इस प्रकार पूजा से आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं.
शीघ्र धन प्राप्ति के लिए कराएं कुबेर पूजा 11 नवंबर 2023 Kuber Puja Online
तुलसी पूजा मंत्र
तुलसी पूजा के साथ मंत्र जाप से तुलसी पूजन पूर्ण होता है. मंत्र जाप से घर की सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है. पूजा से हर कामना पूरी हो सकती है. माता के मंत्र के साथ ही तुलसी जी की आरती भी नियमित रुप से करनी चाहिए. ऎसा करने से जीवन में कष्ट दूर होते हैं तथा सौभाग्य का मार्ग सदैव खुला रहता है.
जन्मकुंडली ज्योतिषीय क्षेत्रों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है
वृंदा वृंदावनी विश्वपूजिता विश्वपावनी।
पुष्पसारा नंदनीय तुलसी कृष्ण जीवनी।।
एतभामांष्टक चैव स्त्रोतं नामर्थं संयुतम।
यः पठेत तां च सम्पूज्य सौश्रमेघ फलंलमेता।।
आपके स्वभाव से लेकर भविष्य तक का हाल बताएगी आपकी जन्म कुंडली, देखिए यहाँ
तुलसी माता की आरती
जय जय तुलसी माता, मैया जय तुलसी माता ।
सब जग की सुख दाता, सबकी वर माता ॥
जय तुलसी माता
सब योगों से ऊपर, सब रोगों से ऊपर ।
रज से रक्ष करके, सबकी भव त्राता ॥
जय तुलसी माता
बटु पुत्री है श्यामा, सूर बल्ली है ग्राम्या ।
विष्णुप्रिय जो नर तुमको सेवे, सो नर तर जाता ॥
जय तुलसी माता
हरि के शीश विराजत, त्रिभुवन से हो वंदित ।
पतित जनों की तारिणी, तुम हो विख्याता ॥
जय तुलसी माता
लेकर जन्म विजन में, आई दिव्य भवन में ।
मानव लोक तुम्हीं से, सुख-संपति पाता ॥
जय तुलसी माता
हरि को तुम अति प्यारी, श्याम वर्ण सुकुमारी ।
प्रेम अजब है उनका, तुमसे कैसा नाता ॥
हमारी विपद हरो तुम, कृपा करो माता ॥
॥ जय तुलसी माता॥