- किसी भी देवी या देवता की पूजा के लिए सर्वाधिक आवश्यकता होती है सच्ची श्रद्धा की क्योंकि इसके बग़ैर कोई भी पूजा अधूरी है।
- हनुमान जी की पूजा के लिए हनुमान जी की प्रतिमा या राम जी का सिंहासन की आवश्यकता होती है।
- हनुमान जी प्रतिमा ऐसी जगह स्थापित की जाती है जिससे उनका मुख सदैव दक्षिण दिशा में रहे।
- हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए उनकी प्रतिमा पर पर सिंदूर भी चढ़ाया जाता है।
- मंगलवार को अगर सुबह बरगद के पेड़ के एक पत्ते को तोड़कर गंगा जल से धो कर हनुमान जी को अर्पित करें तो धन की आवक बढ़ती है. आर्थिक संकटों से मुक्ति मिलती है.
- हनुमान जी को प्रसाद में तुलसी का पत्ता चढ़ाना अत्यंत आवश्यक है, कहा जाता है कि जब वे सीता जी को खोजने लंका गए थे तब उन्होंने सीता मां से खाने के लिए कुछ मांगा किन्तु उस समय उनके पास सिर्फ तुलसी का पत्ता ही था जिसके बाद हनुमान जी के भोग के लिए तुलसी का पत्ता चढ़ाना अनिवार्य है उसके बग़ैर हनुमान जी के भोग को अधूरा माना जाता है।
- इसके अतिरक्त गुड धनिया, बूंदी के लडडू आदि भी हनुमान जी को भोग में चढ़ाया जाता है।
- मंगलवार के दिन हनुमान जी की प्रतिमा के समक्ष बैठ राम नाम का 108 बार जाप करें, क्योंकि हनुमान जी रामजी के अनन्य भक्त हैं।
- मंगलवार के दिन हनुमान जी के सामने सरसों के तेल का दिया जलाएं और चालीसा का पाठ करें।
- ॐ हं हनुमंतये नम: मंत्र का जाप करने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं. ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट का रुद्राक्ष की माला से जाप करने से भी हनुमान जी बहुत प्रसन्न होते हैं.
बीमारियों से बचाव के लिए भवन वास्तु के कुछ खास उपाय !
क्यों मनाई जाती हैं कुम्भ संक्रांति ? जानें इससे जुड़ा यह ख़ास तथ्य !
जानिए किस माला के जाप का क्या फल मिलता है