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Home ›   Blogs Hindi ›   Tripurari Purnima: Know why Lord Shiva is worshiped on Tripurari Purnima

Tripurari Purnima: जानें त्रिपुरारी पूर्णिमा पर क्यों की जाती भगवान शिव की पूजा

Acharya RajRani Updated 27 Nov 2023 10:23 AM IST
Tripurari Purnima
Tripurari Purnima - फोटो : google
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पुरारी पूर्णिमा का समय भगवान शिव के पूजन के लिए अत्यंत ही शुभ होता है. यह एक ऐसा त्यौहार है जो अनेक नामों से भक्ति भाव के साथ मनाते हैं इस दिन भगवान शिव का पूजन रुद्राभिषेक इत्यादि कार्य संपन्न होते हैं. दक्षिण भारत में यह पर्व बहुत ही उत्साह के सथ संपन्न होता है इसी के साथ देश के हर स्थानों पर किसी न किसी नाम से मनाया जाता है.

शास्त्रों के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान शिव ने तीनों लोकों को त्रिपुरासुर के आतंक से मुक्त कराया था और इसलिए इस दिन को त्रिपुरी पूर्णिमा के रूप में पूजा जाता है और इस दिन भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने की भी परंपरा है.

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हिंदू कैलेंडर के अनुसार त्रिपुरारी पूर्णिमा पर बहुत ही विशेष योग बनते हैं. कार्तिक पूर्णिमा पर बनने वाले शुभ योगों में गुरु नानक जयंती, गंगा स्नान, कार्तिक पूजा विधान की समाप्ति, भगवान रथ यात्रा, उत्तम मन्वादि की पूजा, भीष्म पंचक की समति और चातुर्मास की समाप्ति शामिल है. विशिष्ट समय होने के कारण यह दिन कई तरह से मनाया जाता है. इसके साथ ही इस दिन किए जाने वाले धार्मिक और आध्यात्मिक कार्य बहुत महत्व रखते हैं.   

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त्रिपुरारी पूर्णिमा पूजा मंत्र 
इस दिन भगवान शिव को प्रसन्न करना बहुत शुभ होता है इसलिए शास्त्र के अनुसार भगवान शिव की कृपा पाने के लिए भक्त इस दिन व्रत रखते हैं और भगवान का पाठ करते हैं.ऐसे में कुछ  प्रभावशाली मंत्रों के बारे में बताया गया है, जिनका जाप करने से भक्तों को सभी कष्टों और दुखों से मुक्ति मिल जाती है तथा  साथ ही भगवान शिव का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है 

भगवान शिव की पूजा में ॐ ह्रीं ह्रौं नम: शिवाय॥ मंत्र का जाप अवश्य करना चाहिए. इसके अलावा इस दिन  नम: शिवाय शुभं शुभं कुरू कुरू शिवाय नम: ॐ ॥,  ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥,  ऊँ हौं जूं स: ऊँ भुर्भव: स्व: ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। ऊर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ऊँ भुव: भू: स्व: ऊँ स: जूं हौं ऊँ।। इन मंत्रों का जाप उत्तम होता है. 

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त्रिपुरारी पूर्णिमा महत्व 
त्रिपुरारी पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों और धार्मिक स्थानों पर जाकर स्नान करने की परंपरा भी बहुत विशेष मानी जाती है. इस दिन सुबह स्नान करके सूर्य देव की पूजा और भगवान श्री विष्णु और भगवान शिव की पूजा करना बहुत शुभ होता है.मान्यताओं के अनुसार इस दिन किए गए कार्य जीवन को सर्वोत्तम गति प्रदान करते हैं.
 
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