खास बातें
Atichari Guru Gochar 2025: हमारे जीवन में हर एक ग्रह का काफी महत्व माना जाता है, इसी प्रकार से जिस भी जातक पर बृहस्पति की कृपा बनी रहती है उसका जीवन अच्छे से चलता है, लेकिन कृपा हटी की दुर्घटना घटी। बस ऐसा ही आने वाले कुछ वर्षों तक के लिए संपूर्ण धरती के साथ होने वाला वाला है।
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Atichari Guru Gochar 2025: बृहस्पति इस धरती के जीवन पर बहुत ज्यादा प्रभाव डालता है। यह जीवन, शीतलता, सुख, समृद्धि, उन्नति और बुद्धि प्रदान करता है, परंतु जब इसकी चाल बिगड़ जाए तो भारी नुकसान देखने को मिलते हैं। इसे ऐसा माने कि किसी अच्छे व्यक्ति का आप पर हाथ है तो आप सुरक्षित रहेंगे लेकिन यदि कुछ समय के लिए उसका हाथ हट जाए तो क्या होगा, यह कोई नहीं जानता है। यानी जिस भी जातक पर बृहस्पति की कृपा बनी रहती है उसका जीवन अच्छे से चलता है लेकिन कृपा हटी की दुर्घटना घटी। बस ऐसा ही आने वाले कुछ वर्षों तक के लिए संपूर्ण धरती के साथ होने वाला वाला है।
क्या है अतिचारी होना : गुरु एक राशि में करीब 1 वर्ष तक रहते हैं। ऐसे में एक राशि में दोबारा आने में करीब 12 से 13 साल का वक्त लगता है। यानी वह 1 वर्ष में किसी राशि में 30 डिग्री तक चलता है, इस तरह 360 डिग्री पूरा करता है। लेकिन इस बार गुरु 30 डिग्री को तेज गति से पार करके यानी 4 या 5 माह में ही पार करके मिथुन से कर्क में चले जाएंगे और वहां डेढ़ से 2 माह रहने के बाद पुन: मिथुन में वक्री होकर लौटेंगे जहां वे 30 से 25 डिग्री चलकर पुन: कर्क में मार्गी हो जाएंगे। बृहस्पति की इस असामान्य गति को अतिचारी होना कहते हैं।
क्या है अतिचारी होना : गुरु एक राशि में करीब 1 वर्ष तक रहते हैं। ऐसे में एक राशि में दोबारा आने में करीब 12 से 13 साल का वक्त लगता है। यानी वह 1 वर्ष में किसी राशि में 30 डिग्री तक चलता है, इस तरह 360 डिग्री पूरा करता है। लेकिन इस बार गुरु 30 डिग्री को तेज गति से पार करके यानी 4 या 5 माह में ही पार करके मिथुन से कर्क में चले जाएंगे और वहां डेढ़ से 2 माह रहने के बाद पुन: मिथुन में वक्री होकर लौटेंगे जहां वे 30 से 25 डिग्री चलकर पुन: कर्क में मार्गी हो जाएंगे। बृहस्पति की इस असामान्य गति को अतिचारी होना कहते हैं।
जब भी अतिचारी हुए बृहस्पति तो हुआ विश्व में बदलाव
1. महाभारत काल में यानी 5000 हजार वर्ष पहले, गुरु कुछ वर्षों तक वक्री अवस्था में थे। इसके अलावा वह तब भी 7 राशियों में अतिचारी भी हुए थे। यानी कुल 7 वर्षों तक वे अतिचारी थे। जिसके चलते उस युग में मानव जीवन सहित धरती के अन्य जीव-जंतुओं के जीवन में भी बहुत नकारात्मक असर हुए थे।
2. करीब 1000 वर्ष पहले, गुरु अतिचारी हुए थे तब भी भारत सहित दुनिया में बहुत बड़े बदलाव देखने को मिले थे। प्रथम और द्वितीय विश्वयुद्ध के समय भी बृहस्पति की असामान्य गति थी। शीतयुद्ध के दौरान भी यही हालात बने थे।
3. यदि हम हाल की ही बात करें, तो वर्ष 2018 से लेकर 2022 तक बृहस्पति 4 राशियों में अतिचारी थे। उस दौरान कोरोना वायरस फैला और दुनिया की बहुत दुर्गति हुई। ऐसा कोई परिवार नहीं था जो इससे प्रभावित नहीं हुआ हो। देश और दुनिया के हर क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन हुए और कई अस्थाई बदलाव भी देखने को मिले।
2. करीब 1000 वर्ष पहले, गुरु अतिचारी हुए थे तब भी भारत सहित दुनिया में बहुत बड़े बदलाव देखने को मिले थे। प्रथम और द्वितीय विश्वयुद्ध के समय भी बृहस्पति की असामान्य गति थी। शीतयुद्ध के दौरान भी यही हालात बने थे।
3. यदि हम हाल की ही बात करें, तो वर्ष 2018 से लेकर 2022 तक बृहस्पति 4 राशियों में अतिचारी थे। उस दौरान कोरोना वायरस फैला और दुनिया की बहुत दुर्गति हुई। ऐसा कोई परिवार नहीं था जो इससे प्रभावित नहीं हुआ हो। देश और दुनिया के हर क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन हुए और कई अस्थाई बदलाव भी देखने को मिले।
2025 से लेकर 2033 तक अतिचारी रहेंगे बृहस्पति
1. अब 14 मई वर्ष 2025 से गुरु ग्रह फिर से 3 गुना अतिचारी हो रहे हैं और इस बार वे 8 वर्षों के लिए अतिचारी होंगे।
2. बृहस्पति के अतिचारी होने से वर्ष 2025 से लेकर 2033 तक दुनिया में बहुत बड़े बदलाव होने वाले हैं।
3. कोरोना काल में या उसके बाद अस्थाई परिवर्तन हुए थे लेकिन इस बार स्थाई परिवर्तन देखने को मिलेंगे।
4. यह दौर तब तक चलेगा जब तक कि बृहस्पति 18 मार्च 2033 को कुंभ राशि नहीं आ जाते हैं। इसके बाद ही हालात सामान्य होंगे।
5. उस वक्त भारत में कुंभ मेले की शुरुआत हो रही होगी। पूरा विश्व भारत की ओर देख रहा होगा।
बृहस्पति के अतिचारी होने से क्या होगा देश और दुनिया पर असर?
1. दुनियाभर की सरकारों में बदलाव होगा। कड़ा शासन लागू होगा।
2. किसी नई महामारी का दौर भी चल सकता है।
3. देश और दुनिया की संपूर्ण अर्थव्यवस्था बदल जाएगी।
4. युद्ध के बाद धर्म और विज्ञान का नया दौर प्रारंभ होगा।
5. लोग धर्म की बजाए अध्यात्म या नास्तिकता पर विश्वास करेंगे।
6. लोग अंतरिक्ष में जाने की योजना बनाने लगेंगे।
7. टेक्नोलॉजी में बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे।
8. बड़े पैमाने पर जलवायु परिवर्तन के चलते लोगों का रहन-सहन, खान-पान बदल जाएगा।