गुरुवार को भगवान विष्णु की पुजा करने के लिए प्रातः काल उठकर स्नान करना चाहिए तत्पश्चात पीले रंग के वस्त्र धारण करना चाहिए। पीले रंग का महत्व इस अत्यंत अधिक है क्योंकि भगवान विष्णु को पीताम्बर यानी पीले वस्त्र धारण करने वाले भी कहते हैं। इसलिए उनकी प्रतिमा को पीले कपड़े के आसन पर स्थापित करना चाहिए। इसके पश्चात पीले फूल पीला अक्षत एवम् पीला प्रसाद लेकर भगवान विष्णु की प्रार्थना करते हैं। इस दिन केला भी प्रसाद में चढ़ाया जा सकता है किन्तु स्वयं को केले के सेवन से बचना चाहिए और सिर्फ प्रसाद एवम् दान हेतु ही इसका उपयोग करना चाहिए। इसके अलावा केले के वृक्ष मे भी जल एवम् हल्दी चढ़ाते हैं क्योंकि केले में भगवान विष्णु का निवास माना जाता है।
बृहस्पति को सभी देवी देवताओं का गुरु माना जाता है इसलिए इसे गुरुवार भी कहते हैं। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करते हैं क्योंकि भगवान विष्णु माता लक्ष्मी के पति हैं इसलिए इस दिन उनकी भी पूजा साथ में की जाती है। इस दिन पूजा करने के कई लाभ है
लंबी आयु और अच्छी सेहत के लिए इस शिवरात्रि महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में कराएं रुद्राभिषेक : 11 मार्च 2021
- यदि किसी व्यक्ति के जन्मांक चक्र में बृहस्पति नीच स्थान पर हो या निर्बल हों इसके कारण उस व्यक्ति को जीवन में सफलता नहीं मिल पाती है। इसलिए बृहस्पतिवार को पूजा करने से ऐसे व्यक्तयों को लाभ होता है।
- जिस घर में निर्धनता हो वहां पर पूजा करने पर घर में संपन्नता आती है।
- बृहस्पतिवार को पूजा करने से नौकरी में तरक्की मिलती है।
- यदि कोई व्यक्ति पारिवारिक कलह से परेशान है तो उसे गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा अवश्य करनी चाहिए क्योंकि इससे उसके घर की कलह समाप्त होती है और परिवार में खुशहाली आती है।
- ऐसा माना जाता है कि यदि किसी लड़के या लड़की जिसकी शादी में दिक्कत आ रही हो तो उसे गुरुवार को व्रत अवश्य करना चाहिए ऐसा करने से उसे इस समस्या से निजात मिलती है। शादी में आ रही रुकावटों को दूर करने के साथ शादी जल्द होने में फायदा हो सकता है।
यह भी पढ़े :-
बीमारियों से बचाव के लिए भवन वास्तु के कुछ खास उपाय !
क्यों मनाई जाती हैं कुम्भ संक्रांति ? जानें इससे जुड़ा यह ख़ास तथ्य !
जानिए किस माला के जाप का क्या फल मिलता है