देवी बगलामुखी जयंती पर अनुष्ठान से होगा शत्रुओं का नाश व मिलेगी कर्ज व प्रॉपर्टी संबंधित परेशानियों से मुक्ति :- 1 मई 2020
1.रामायण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के लिए महाराज दशरथ ने पुत्रेष्ठि यज्ञ करवाया था। जिसके फलस्वरूप उन्हें राम, लक्ष्मण, भरत तथा शत्रुघ्न की प्राप्ति हुई थी। रामायण की एक कथा के अनुसार उन्हें श्रवण कुमार के पिता ने श्राप दिया था की उनकी मृत्यु पुत्र वियोग में ही होगी। जिसके परिणाम के रूप में जब श्री राम वनवास को चले जाते हैं तब महाराज दशरथ की मृत्यु हो जाती है।
2.रावण की बहन शूर्पणखा ने ही मन ही मन रावण का सर्वनाश होने का श्राप दिया था। ऐसा इसलिए हुआ था क्योंकि एक युद्ध में रावण ने शूर्पणखा के पति विद्युतजिव्ह का वध कर दिया था। उसी क्षण शूर्पणखा ने मन ही मन रावण को श्राप दिया था की उसका विनाश हो जाएगा और उसका कारण वह खुद होंगी।
3.मान्यताओं के अनुसार जिस दिन रावण ने माता सीता का हरण किया था। उस दिन ब्रह्मा के कहने पर इंद्रदेव देवी सीता के लिए खीर लेकर गए थे। उन्होंने पहले अशोक वाटिका में उपस्थित सभी राक्षसों को मोहित करके सुला दिया था। जिसे ग्रहण करके देवी सीता की भूख प्यास सब शांत हो गयी थी।
4.माता सीता की खोज के दौरान प्रभु राम और लक्ष्मण ने कबंध नाम के असुर का वध किया था। वास्तव में यह एक श्राप के कारण हो गया था। प्रभु ने जब उसे अग्नि देव को समर्पित किया तो वह अपने श्राप से मुक्त हो गया था। उसी ने प्रभु को सुग्रीव तक पहुंचने का मार्ग भी बताया था।
5.लम्बे समय तक श्री राम और रावण का युद्ध चलते रहने के कारण युद्ध को समाप्त करने के लिए अगस्त ऋषि ने श्री राम को आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करने के लिए कहा जिसके कारण रावण का वध जल्द से जल्द हो पाया था।