myjyotish

6386786122

   whatsapp

6386786122

Whatsup
  • Login

  • Cart

  • wallet

    Wallet

विज्ञापन
विज्ञापन
Home ›   Blogs Hindi ›   Skanda Sashti 2023: When will the fast of Skanda Shashthi be observed, know the worship method of Skanda Shash

Skanda Sashti 2023: स्कंद षष्ठी का व्रत कब रखा जाएगा, जानिए स्कंद षष्ठी की पूजा विधि

my jyotish expert Updated 19 Aug 2023 01:00 PM IST
Skanda Sashti 2023: स्कंद षष्ठी का व्रत कब रखा जाएगा, जानिए स्कंद षष्ठी की पूजा विधि
Skanda Sashti 2023: स्कंद षष्ठी का व्रत कब रखा जाएगा, जानिए स्कंद षष्ठी की पूजा विधि - फोटो : google
विज्ञापन
विज्ञापन
हर महीने शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाए जाने वाले स्कंद षष्ठी व्रत का भक्ति एवं विश्वास के साथ मनाया जाता है. इस बार 22 अगस्त को स्कंद षष्ठी का व्रत किया जाएगा. यह दिन स्कंद देव की पूजा के लिए विशेष महत्व रखता है. इस समय पर  संतान सुख एवं संतान की लंबी आयु की कामना हेतु महिलाएं व्रत करती हैं तथा स्कंद भगवान का पूजन किया जाता है. इस दिन भगवान कार्तिकेय जिन्हें स्कंद भी कहा जाता है की पूजा द्वारा सभी मनोरथ फलिभूत होते हैं. आइये जाने कब मनाई जाएगी सावन माह की स्कंद षष्ठी और कैसे करें भगवान स्कंद को प्रसन्न. 

त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंगं पर कालसर्प दोष निवारण पूजा कराएं -Kaal Sarp Dosh Nivaran Puja at Trimbakeshwar Jyotirlinga Online

स्कंद षष्ठी 2023 तिथि मुहूर्त 
पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह के शुक्लपक्ष की षष्ठी तिथि को स्कंद षष्ठी के रुप में मनाया जाता है. सावन माह की स्कंद षष्ठी का पूजन 22 अगस्त 2023 को मंगलवार के दिन होगा. आइए स्कंद षष्ठी तिथि और इस दिन रखे जाने वाले व्रत के बारे में विस्तार से जानते हैं. हिंदू धर्म में भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र भगवान कार्तिकेय की पूजा का बहुत महत्व माना जाता है. भगवान श्रीगणेश की तरह भगवान कार्तिकेय की पूजा भी जीवन से जुड़ी सभी बाधाओं को दूर कर सुख, सौभाग्य और सफलता प्रदान करती है. भगवान कार्तिकेय को स्कंद के नाम से भी जाना जाता है. स्कंद षष्ठी व्रत भगवान कार्तिकेय की पूजा के लिए बहुत शुभ माना जाता है. 
 
लंबी आयु और अच्छी सेहत के लिए इस सावन सोमवार उज्जैन महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में कराएं रुद्राभिषेक 04 जुलाई से 31अगस्त 2023
 
स्कंद षष्ठी पूजन विधि 
हिंदू मान्यता के अनुसार हर माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली स्कंद षष्ठी तिथि को विधि-विधान से व्रत और पूजन करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. ऐसा माना जाता है कि इसी शुभ तिथि पर भगवान कार्तिकेय का जन्म हुआ था. यही कारण है कि लोग इस तिथि पर उनकी विधि-विधान से पूजा करते हैं. इस समय पर भगवान शिव के समस्त परिवर का पूजन करके भक्त जीवन में सुख एवं समृद्धि को पाते हैं. 

सावन शिवरात्रि पर 11 ब्राह्मणों द्वारा 11 विशेष वस्तुओं से कराएं महाकाल का सामूहिक महारुद्राभिषेक एवं रुद्री पाठ 2023

भगवान कार्तिकेय की पूजा और व्रत उत्तर भारत की अपेक्षा दक्षिण भारत में अधिक की जाती है. लेकिन षष्ठी व्रत का महत्व सभी ओर एक समान रुप में रहा है. इस दिन पर भगवान कार्तिकेय का किया गया पूजन संतान सुख को प्रदान करता है तथा संतान से संबंधि कोई भी कष्ट पूजा द्वारा दूर हो जाते हैं. हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार, भगवान कार्तिकेय देवताओं के सेनापति हैं, जो अपने भक्तों को पलक झपकते ही बड़े से बड़े संकट से बाहर निकाल देते हैं.
 
  • 100% Authentic
  • Payment Protection
  • Privacy Protection
  • Help & Support
विज्ञापन
विज्ञापन


फ्री टूल्स

विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
X