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Home ›   Blogs Hindi ›   Shradh tithi mahatva purvaj pujan significance

यदि भूल गए हैं पितरों की पुण्यतिथि, तो जानिए अन्य किस दिन पर कर सकते हैं श्राद्घ

my jyotish expert Updated 27 Sep 2021 06:44 PM IST
shradh 2021
shradh 2021 - फोटो : google photo
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हमारे देश में पितरों को विशेष महत्व दिया जाता है तथा प्रत्येक वर्ष पितृ पक्ष में उनका श्राद्ध किया जाता है। तथा इस वर्ष 2021 में पितृपक्ष का प्रारंभ अश्विन माह की कृष्ण पक्ष से प्रारंभ होगा और 6 अक्टूबर 2021 तक रहेगा। यदि आपने कई वर्षों से अपने पितरों का श्राद्ध नहीं किया है तो पितृपक्ष अवधि में आने वाला अमावस्या का दिन भूले बिसरे लोगों के लिए श्राद्ध करने का विशेष दिन है क्योंकि सनातन परंपरा के अनुसार सर्व पितृ अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। तथा सनातन धर्म के अनुसार यह माना जाता है कि यदि कोई ऐसा व्यक्ति है जिसने कई वर्षों से अपने पितरों का श्राद्ध नहीं किया तो उसके लिए आश्विन माह की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को भूले बिसरे लोगों के लिए बहुत ही अनुकूल मानी जाती है। और इस साल यह तिथि 6 अक्टूबर 2021 को पड़ रही है। तथा पितरों के पिंडदान के लिए अमावस्या तिथि को विशेष माना जाता है। और इस तिथि का महत्व तब और भी बढ़ जाता है जब यह पितृपक्ष की अवधि के समय आती है। तथा ऐसे में इस समय पितरों के लिए तर्पण श्राद्ध कर उन्हें प्रसन्न किया जा सकता है।

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• जब याद में हो पितरों की पुण्यतिथि

यदि आप भी अपनी पितरों की पुण्यतिथि या देवलोकगमन  यानी उनकी मृत्यु की तिथि को भूल गए हैं। तो आप उनकी आत्मा की शांति के लिए पितृ विसर्जन वाले दिन यानी सर्व पितृ अमावस्या के दिन श्राद्ध कर सकते हैं। तथा इस दिन लोगों को अपने भूले बिसरे पितरों की आत्मा शांति के लिए श्राद्ध करना चाहिए। ब्रह्म पुराण के अनुसार यह माना जाता है कि पितृ अमावस्या के दिन पवित्र होकर यत्नपूर्वक श्राद्ध करने से व्यक्ति की सभी अभिलाष पूरी हो जाती है और वहां अनंत काल तक स्वर्ग में सुख भोगता है।

• सर्व पितृ अमावस्या के दिन क्या करें

यदि आप अपने पितरों का श्राद्ध सर्व पितृ के दिन कर रहे हैं तो आपको इस दिन किसी योग्य ब्राह्मण को अपने घर बुलाकर आदर सम्मान के साथ भोजन करवाना चाहिए और यह माना जाता है कि ऐसा करने से आपकी पिक्चर आपसे प्रसन्न होंगे। और श्राद्ध करने वाले को पुण्य फल प्राप्त होगा। और जो लोग  पितृपक्ष के 15 दिनों तक किसी कारणवश श्राद्ध, तर्पण नहीं कर पाए हैं तो वह लोग सर्व पितृ अमावस्या के दिन अपने पितरों का श्राद्ध करते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह माना जाता है कि यदि किसी जातक की कुंडली में पित्र दोष और उसके चलते उसे अपने जीवन में तमाम मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा हो तो उसे सर्व पितृ अमावस्या के दिन विभिन्न उपाय करनी चाहिए और सर्व पितृ अमावस्या के दिन दीपक का दान करना चाहिए। क्योंकि इस दिन दीपदान का बहुत महत्व होता है तथा साथ ही इस दिन किसी पवित्र नदी के किनारे दीपक जलाना भी अत्यंत पुण्य कार्य माना जाता है।

• कब मिलता है पितरों का आशीर्वाद

ज्योतिष शास्त्र में सर्व पितृ अमावस्या को पितरों का अंतिम दिन अर्थात विदाई का दिन माना जाता है। और यह मान्यता है कि इस दिन यदि कोई व्यक्ति श्राद्ध और विश्वास के साथ विधि-विधान पूर्वक अपने पितरों की विदाई करता है तो फिर उस से प्रसन्न होते हैं और उसकी झोली खुशियों से भर देते हैं सदा साथ ही घर में सुख संपदा  बनी रहती है

तो इस प्रकार यदि आप अपने पितरों का श्राद्ध पक्ष की अवधि में पिंड दान करना भूल गए  है तो आप सर्वपितृ अमावस्या के दिन अपने पितरों का श्राद्ध कर आपके द्वारा की गई भूल का  प्रायश्चित कर सकते हैं।


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