भगवान शिव का पूजन कई मौकों पर होता है. भगवान शिव पूजन के समय यदि कुछ कार्यों को भी कर लिया जाए तो इनका विशेष फल भक्त को अवश्य मिलता है. कोई भी साधन भगवान का पूजन कभी भी कर सकता है. इसके साथ ही प्रदोष व्रत हो या फिर सोमवार समय या फिर चतुर्दशी का समय इस दौरान किया जाने वाला शिव पूजन बेहद जल्द से अपने फल प्रदान करता है. हर महीने में हर दिन भक्तिभाव से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा कर सकते हैं.
इसके अलावा वे अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए शिव व्रत भी रख सकते हैं. भगवान शिव की कृपा से साधक को मनोवांछित फल मिलता है. सुख-सौभाग्य में भी वृद्धि होती है. भक्तिभाव से पूजा करने के साथ साथ कुछ दान पुण्य से जुड़े काम भी अवश्य करने चाहिए. आइये जानते हैं भगवान शिव की पूजा में किन बातों का रखें ध्यान और कैसे पाएं प्रभु कृपा.
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शिव पूजा और दान पुण्य का प्रभाव
भगवान शिव कैलाश में निवास करते हैं. घर की उत्तर दिशा में भगवान शिव को स्थापित करना बहुत शुभ होता है. इसके साथ ही उत्तर दिशा की ओर मुख करके भगवान शिव की पूजा करना उत्तम होती है. वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में शिव पूजन से सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है. प्रदोष हो या सोमवर या शिवरात्रि इस समय भगवान शिव का अभिषेक करना बहुत शुभ होता है. पूजा करते समय एक बात का ध्यान जरूर रखें कि शिव परिवार के सभी सदस्यों की पूजा करना शुभ होता है.
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प्रदोष हो या शिवरात्रि पूजन सभी में धार्मिक शास्त्रों के अनुसार भगवान शिव को कई चीजें न चढ़ाने की सलाह दी गई है और इन बातों का ध्यान रखना चाहिए. अगर आप भगवान शिव की कृपा पाना चाहते हैं तो सावन के महीने में महादेव के साथ माता पार्वती की भी पूजा करनी चाहिए तभी मिलता है शुभ फल. प्रतिदिन भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए. साथ ही पूजा घर की साफ-सफाई का भी विशेष ध्यान रखें. पूजा घर में साफ-सफाई न होने से वास्तु दोष उत्पन्न होता है.
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शिव में मंदिर या धार्मिक स्थान पर दान देना
पूजा करने के साथ ही दान करना भी जरुरी होता है. मंदिर में दान करना अथवा गरीबों को भोजन कराना शुभ होता है. दान देने से दैवीय कृपा मिलती है. जिससे धन देने वाले व्यक्ति का धन और भी बढ़ जाता है.